ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो भक्त सच्चे मन से पूजा पाठ द्वारा हनुमान जी की उपासना करता है, भगवान हनुमान उसके सभी भय और कष्ट दूर कर देते हैं। तो आइए जानते हैं हनुमान जयंती के दिन किस शुभ मुहूर्त में, किस विधि द्वारा पूजा करना फलदायी होगा। और साथ ही जानें पूजा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम…
शुभ मुहूर्त
इस बार हनुमान जयंती पर रवि योग बनने के कारण सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलने और कार्यों में सफलता मिलने की मान्यता है। इस योग का प्रारंभ सुबह 5 बजकर 55 मिनट होगा और इसका समापन सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा। विद्वानों के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना भक्तों के कल्याण के लिए बहुत शुभ है।
पूजा की विधि
हनुमान जयंती पर शाम के समय स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। याद रखें कि तस्वीर का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। अब स्वयं भी लाल आसन पर बैठ जाएं। अगर लाल आसन ना हो तो किसी ऊनी आसन पर लाल कपड़ा बिछाकर बैठ सकते हैं।
फिर हनुमान जी की तस्वीर के सामने अगरबत्ती, धूप और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद हनुमान जी पर लाल सिंदूर को चमेली के तेल में घोलकर और चांदी का वर्क भी चढाएं। फिर लाल फूल चढ़ाकर बूंदी या केले का भोग लगाएं। तत्पश्चात घी के दीपक से 9 बार घुमाकर हनुमान जी की आरती करें और ओम मंगलमूर्ति हनुमते नमः मंत्र का जाप करें।
पूजा के नियम
हनुमान जी की पूजा करते समय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चरणामृत का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान कभी भी सफेद या काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिएं।
हनुमान जयंती के दिन मांस मदिरा का सेवन, लड़ाई झगड़ा करना और शारीरिक संबंध बनाना भी अशुभ माना जाता है।
हनुमान जी के बाल ब्रह्मचारी होने के कारण महिलाओं को पूजा के दौरान उनके चरण स्पर्श करना नहीं चाहिएं।
हनुमान जयंती के दिन व्रत रखने का भी खास महत्व होता है। ऐसे में व्रत रखने वाले लोगों को दिन में सोना नहीं चाहिए। साथ ही इस दिन नमक युक्त भोजन का सेवन भी ना करें।