गुरु वक्री है तो करें ये उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को वट वृक्ष या पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करके जल अर्पित करने से देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और दोषों से मुक्ति मिलती है।
हर गुरुवार के दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ा सा केसर मिलाएं। इसके बाद इस जल को शिवलिंग पर अर्पित करें। जल अर्पित करते समय गुरु के मंत्र ॐ गुं गुरवे नम: का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। ध्यान रहे कि मंत्र जाप कम से कम 108 बार अवश्य करें।
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक चने की दाल का संबंध बृहस्पति देव से माना गया है। ऐसे में गुरु वक्री होने पर गुरुवार के दिन शिवलिंग पर चने की दाल अर्पित करना शुभ माना जाता है। साथ ही ध्यान रखें कि गुरुवार के दिन किसी से चने की दाल ना लेन देन करना शुभ नहीं माना गया है।
ज्योतिष अनुसार गुरुवार के दिन के केला या आम जैसे पीले फलों का दान करने से भी कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूती मिलती है। इसके अलावा आप गुरुवार के दिन स्वयं भी पीले फलों का सेवन कर सकते हैं।
गुरु वक्री होने पर अपने घर के वास्तु को सुधारें। साथ ही अपने घर की तिजोरी या ईशान कोण में किसी सफेद कपड़े में हल्दी की गांठ बांधकर रखें।