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Chandra grahan: चंद्र ग्रहण के सूतक का समय और ग्रहण काल में क्या न करें

– इस बार 8 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का देश में सूतक काल भी मान्य होगा।

Nov 03, 2022 / 03:20 pm

दीपेश तिवारी

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इस साल आज से चंद दिनों बाद साल 2022 का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। चंद्रग्रहण से करीब 15 दिन पहले लगे सूर्यग्रहण (25 अक्टूबर 2022) की तरह ही इस बार चंद्र ग्रहण भी देशभर में दिखाई देगा। देश में दृष्य होने के चलते इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा। जिसके चलते मंदिरों के कपाट सूतक काल में बंद रहेंगे। वहीं इस चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे। ध्यान रहे इस काल के दौरान भगवान को छुआ तक नहीं जाता, ऐसे में इस दौरान भजन कीर्तन करना चाहिए।

दरअसल साल 2022 का आखिरी ग्रहण मंगलवार 08 नवंबर को लगने जा रहा है, यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 06:20 पर समाप्त होगा, इसका मोक्ष काल 07:25 पर रहेगा। जबकि वहीं, भारत में चंद्रग्रहण चंद्रोदय के साथ शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखना शुरू होगा, जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

चंद्र ग्रहण की अवधि (Chandra grahan Timing)
स्थानीय समय के अनुसार ग्रहण की अवधि 45 मिनट्स 48 सेकण्ड्स रहेगी।
उपच्छाया से पहला स्पर्श- दोपहर 01:33 बजे।
उपच्छाया से आंतिम स्पर्श- शाम 07:25 बजे।

सूतक काल का समय (sutak kaal )
सूतक काल प्रारम्भ- सुबह 09:21 बजे।
सूतक काल समाप्त- शाम 06:18 बजे।

सूतक के दौरान बंद किए गए मंदिरों के कपाट ग्रहण के बाद खोले जाएंगे और मंदिर का साफ-सफाई कर शुद्धिकरण करने के बाद पूजा पाठ की जाएगी। ‌वहीं इस दिन कार्तिक पूर्णिमा होने के चलते दीप दान भी ग्रहण हटने के बाद ही किया जाना मान्य रहेगा, वहीं ग्रहण के अगले दिन या फिर एक दिन पहले भी स्नान-दान और दीपदान किया जाना मान्य रहेगा।

ग्रहण के समय ये न करें…
मान्यता के अनुसार सूतक काल में पूजा वर्जित मानी जाती है। इसलिए उचित होगा कि ग्रहण व सूतक के दौरान घर में ही रहकर भगवान का ध्यान करें, इस समय आप भजन कीर्तन कर सकते हैं। इसके अलावा ग्रहण के दौरान भोजन आदि खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्ती डालकर रखनी चाहिए, जबकि ग्रहण के बाद कोई भी खाद्य पदार्थ ग्रहण करते समय तुलसी का होना अनिवार्य माना जाता है। ग्रहण में किया गया दान अमृत तुल्य माना गया है। वहीं ग्रहण के पश्चात लाल कपड़ा के अलावा तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू और लाल फल का दान करना बेहत खास व उत्तम माना गया है। वैदिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बाद इन चीजों का दान करने से कुंडली में मौजूद ग्रहों के दोष दूर होने के साथ ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।

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