1. आजा मां तैनु अखियां उडीक दीयां…
2. अंबे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए…
3. तूने मुझे पुकारा शेरो वालिए मैं आया…
4. कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे निर्धन के…
5. प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी…
6. बिगड़ी मेरी बना दे, ऐ शेरोंवाली मैया…
7. अब मेरी भी सुनो, ऐ मात भवानी…
8. आज तेरा जगराता माता, आज तेरा…
9. बोलो मां के जयकारे, मिट जाए संकट सारे…
10. तेरा भवन सजा जिन फूलों से, उन फूलों की महिमा खास है मां…
11. स्वीकार करो जगदम्बे मां, मेरी आरती…
12. हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरोंवाली…
13. दुर्गा है मेरी मां, अंबे है मेरी मां…
14. सावन की बरसे बदरिया, मां की भीजे चुनरिया…
15. मैं बालक, तू माता शेरावालिए…
हर साल 4 नवरात्रि पर्व पड़ते हैं। जिनमें से एक चैत्र नवरात्रि, एक शारदीय नवरात्रि और 2 गुप्त नवरात्रि पर्व होते हैं। माना जाता है कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि आम जनों के लिए और दोनों गुप्त नवरात्रि साधकों द्वारा मनाई जाती है। ये दोनों गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और पौष माह में मनाई जाती हैं। वहीं चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन को हिन्दू नववर्ष के रूप में भी जाना जाता है।