प्रतिमा के अंदर आ सकते हैं 10 हजार लोग
भगवान शिव की यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है और प्रतिमा में भगवान ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजमान हैं। बताया जाता है कि प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसको अंदर से देखने से कम से कम 4 से 5 घंटे का समय लगता है। इसके साथ ही प्रतिमा के अंदर बने हॉल में कम से कम एक समय में 10 हजार लोग एकसाथ जा सकते हैं। यानी एक गांव या कस्बा इस प्रतिमा में आसानी से आ सकता है।
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अंदर से ऐसी है प्रतिमा
369 फुट ऊंची यह प्रतिमा दुनिया की अकेली ऐसी प्रतिमा है, जिसमें जाने के लिए लिफ्ट, सीढिय़ा और हॉल बनाए गए हैं। प्रतिमा के अंदर ही नीचले हिस्से से ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट लगाई गई हैं और तीन जगह सीढिय़ां बनाई गई हैं। इस प्रतिमा को करीब 50 हजार लोगों ने 10 साल में बनाया है। इस प्रतिमा में 3000 टन स्टील, लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल किया गया है।
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इस प्रतिमा का लोकार्पण करने के लिए 9 दिन तक यज्ञ किए गए। सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का 9 दिन तक आयोजन किया गया। करीब 7 राज्यों के मुख्यमंत्री इसके लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे।
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