वहीं अब जब 2022 का नया साल आने वाला है ऐसे में जहां अब तक लोग नए साल में कोरोना को पीछे छोड़ने की सोच रहे थे, वहीं नए वेरिएंट ने आकर एक बार फिर 2022 में भी कोरोना के रहने का संकेत दे दिया है।
वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ग्रहों की चाल कोरोना ( Corona ) के अभी करीब 10 वर्षों तक और नए नए रूप दिखने के संकेत दे रही है। ऐसे में पंडित एसके पांडे के हमें 2029-30 तक लगातार संभल कर रहना होगा, लेकिन मुमकिन है कि आने वाले वर्षों में इसका प्रकोप काफी हल्की मात्रा में ही अपना असर दिखा सके।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ग्रहों की गणना जो इशारे कर रही है उसके मुताबिक लोग सतर्क हो जाने के साथ ही संभल जाएं। क्योंकि यदि अब भी हम नहीं संभले तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे।
पंडित पांडे के अनुसार पिछले दिनों 20 नवंबर, 2021 को देवगुरु बृहस्पति ने शनिदेव की मकर राशि में छोड़कर शनि की ही कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया है। ऐसे में देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में 12 अप्रैल 2022 तक विराजित रहेंगे। वहीं इस दौरान शनि अकेले मकर राशि में रहकर न्याय और देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि (शनिदेव की राशि) में रहकर न्यायपूर्ण ज्ञान को प्रसारित करेंगे। ऐसे में अभी कुछ समय पहले सामने आए कोरोना के नया वैरिएंट ओमिक्रॉन के जनवरी से लेकर अप्रैल तक अपने पीक पर रहने की संभावना है। जो पूरी दुनिया के देशों में संक्रमण फैलाएगा।
भले ही ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि यह तीसरी लहर दूसरी लहर के मुकाबले कम नुकसान पहुंचाएगी। लेकिन, इससे बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।
Must Read- Omicron Effects: ओमिक्रॅान को लेकर ज्योतिषाचार्यों की एक राय ज्योतिष के जानकारों की मानें तो कोरोना का संक्रमण ग्रहों की चाल से प्रभावित है। जिसके चलते कोरोना का संक्रमण लगातार कभी घटता है तो कभी बढ़ जाता है। इस संबंध में ज्योतिष के जानकार एसके पांडे के अनुसार कोरोना में देवगुरु बृहस्पति की दशा और दिशा अत्यधिक महत्वपूर्ण देखने को मिल रही है। ऐसे में जहां पूर्व में कोरोना 2022 के आसपास काफी कमजोर स्थिति में आता दिख रहा था, लेकिन ग्रहों की चाल में आए परिवर्तन ने एक बार फिर 2022 में किसी नए वेरिएंट के आने तक का संकेत देना शुरु कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर साल 2022 कालसर्प योग की गिरफ्त में होने के चलते इस साल पर राहु और केतु का विशेष असर देखने को मिलेगा। लगातार रोगों से ग्रस्त रहता दिख रहा है, ऐसे में राहु और केतु (गुप्त और रहस्यमयी बीमारी फैलाने वाले ग्रह) दोनों ही इस दौरान कोरोना को शक्ति देते दिख रहे हैं। जिसके चलते इस साल कोरोना एक नए वेरिएंट के साथ कुछ नया व बड़ा कर सकता है। लेकिन वहीं मंगल, शुक्र व सूर्य इनके इस असर पर लगाम लगाते दिख रहे हैं।
Must Read- New Year 2022 Special : कालसर्प योग में होगा नए साल 2022 का उदय, जानें इसके आप पर असर कोरोना 2022 में गुरु का प्रभाव : ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के मुताबिक देवगुरु बृहस्पति 12 अप्रैल 2022 को स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे। जिसके बाद कोरोना की स्थिति में सुधार की शुरुआत हो सकती है। जबकि इससे पहले अप्रैल 2022 तक यह अपने पीक पर पहुंच सकता है।
: वहीं 2022 साल के शुरुआती महीने में बृहस्पति कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसे में कोरोना के तेजी से पनपने की संभावना अधिक है, भले ही ये शुरुआती दौर में कम नुकसान करें। लेकिन इसके बाद ये नियंत्रण से बाहर होता दिख सकता है।
: ज्योतिष के जानकारों के अनुसार देवगुरु बृहस्पति के 23 फरवरी 2022 से अस्त होने के चलते यह समय कोरोना फैलाव के लिए आदर्श हो सकता है। जबकि 27 मार्च 2022 को देवगुरु बृहस्पति वापस से उदय होने के साथ ही कोरोना को धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लाएंगे।
: वहीं देवगुरु बृहस्पति के 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री होते ही पुन: कोरोना की वापसी का अंदेशा है। इसके बाद 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी हो जाएंगे और कोरोना को पुन: धीरे धीरे पुन: शांत हो जाएगा। लेकिन इस शांत स्थिति के दौरान भी ये कभी कभी अपना प्रभाव सामने लाता रहेगा।
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: साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें।
: अल्कोहॉल बेस्ड सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करें।
: हर रोज साबुन और पानी से हाथ धोएं।
: अपनी आंख, नाक और मुंह पर हाथ लगाने से बचें।
: छींकते या खांसते समय अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें।
: सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें।
: मास्क का इस्तेमाल करें।
संक्रमण के लक्षण
संक्रमण के लक्षण संबंध में जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रमुख लक्षण बुखार और सूखी खांसी है, यदि आपमें ये दोनों लक्षण नज़र आ रहे हैं तो सावधान हो जाएं। इसके साथ ही कुछ मामलों में गले में ख़राश, सिर दर्द, डायरिया जैसे लक्षण भी पाए गए हैं। जबकि कुछ मामलों में लोगों के मुंह का स्वाद भी चला गया, तो वहीं कुछ को गंध ना महसूस होने की भी शिकायत सामने आई है।
इसके अलावा कई मरीज़ों मे तो कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण तक नहीं देखा गया है।
लक्षण नज़र आएं तो ये करें
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अगर आपमें ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो घर में ही रहें वहीं यदि लक्षण बेहद कम भी हैं तो भी पूरी तरह ठीक होने तक घर पर ही बने रहें। साथ ही इस दौरान दूसरों के संपर्क में आने से बचें।
वहीं यदि आपके बुख़ार और खांसी में लगातार बढ़ौतरी हो रही है और सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है। तो तुरंत मेडिकल सलाह लें। क्योंकि मुमकिन है कि इसकी वजह कोरोना संक्रमण हो भी सकती है और नहीं भी हो सकती।
इसके तहत पहले अपने स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले शख़्स से संपर्क में रहें। ताकि आपको सही समय पर सही इलाज और सलाह मिल सके।