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Vaishakh Month 2023: कब शुरू हो रहा है हिन्दु पंचांग का दूसरा महीना वैशाख, जानें इसका धार्मिक महत्व

Vaishakh Month 2023 : Madhavmas aur Vaishakh mass kab se, significance: माना जाता है कि इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने का कई गुना पुण्य मिलता है। वहीं माना जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु, भगवान परशुराम की पूजा का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बांके बिहारी जी के दर्शन का भी है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन के संघर्षों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जाने कब तक रहेगा वैशाख का महीना और इसका धार्मिक महत्व भी…

Mar 30, 2023 / 04:54 pm

Sanjana Kumar

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Vaishakh Month 2023 : Madhavmas aur Vaishakh mass kab se, significance: हिंदु पंचांग के मुताबिक, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के बाद से ही वैशाख माह शुरू हो जाता है। जिस तरह से चैत्र माह में नवसंवत्सर और नवरात्रि के कारण इसका महत्व माना जाता है। उसी तरह हिन्दु कैलेंडर के मुताबिक दूसरा महीना वैशाख भी धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वैशाख के माह में गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य करने का भी विशेष फल माना जाता है। माना जाता है कि इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने का कई गुना पुण्य मिलता है। वहीं माना जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु, भगवान परशुराम की पूजा का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बांके बिहारी जी के दर्शन का भी है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन के संघर्षों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जाने कब तक रहेगा वैशाख का महीना और इसका धार्मिक महत्व भी…

कब शुरू हो रहा है वैशाख 2023
हिंदु कैलेंडर के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख का महीना शुरू हो जाता है और वैशाख की पूर्णिमा के साथ ही संपन्न भी होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक हिन्दु कैलेंडर का यह दूसरा महीना 7 अप्रैल से शुरू हो रहा है। यह 5 मई 2023 को खत्म हो जाएगा।

यहां जानें वैशाख महीने का महत्व
हिंदु पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होते हैं। यही कारण है कि इस महीने का नाम वैशाख पड़ा और इस पूर्णिमा को विशाखा पूर्णिमा कहा जाता है। विशाखा नक्षत्र के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं और देवता इंद्र को माना गया है। इसीलिए इस पूरे मास में भगवान विष्णु के साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस महीने में स्नान-दान और व्रत से पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि वैशाख के इस महीने में पूजा-पाठ और ध्यान करने से व्यक्ति को आत्मिक सुख की अनुभूति होती है। उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड में भी है जिक्र

न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।

यानी – माधवमास यानी वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है।

करें तुलसी और पीपल की पूजा
वैशाख के इस महीने में तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इसके साथ ही सूर्यदेव को प्रतिदिन तांबे के लोटे से जल अर्पित किया जाए तो जीवन के हर पाप धुल जाते हैं।

भगवान विष्णु की पूजा का है विशेष महत्व
वैशाख महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष विधान माना गया है। इसीलिए इस महीने का नाम माधव मास भी है। इसलिए वैशाख के इस महीने में भगवान विष्णु के माधव रूप की पूजा की जाती है। यह पूजा तुलसी दल से किए जाने का विधान है।

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