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Vaishakh Amavasya 2023: एक नहीं पांच कारणों से खास है बैसाख अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अमावस्या के उपाय

हिंदू नववर्ष की पहली अमावस्या यानी वैशाख अमावस्या 2023 (Vaishakh Amavasya 2023) इस साल बेहद खास है। इसके पांच बड़े कारण है, जिसको जानकर हैरान हो जाएंगे तो आइये जानते हैं कि वे पांच कारण क्या हैं जिससे वैशाख अमावस्या 2023 बेहद खास बन गई है। इसके अलावा वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त, उपाय आदि क्या हैं।

Apr 14, 2023 / 08:35 pm

Pravin Pandey

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baisakh amavasya 2023

पांच कारण जिनसे वैशाख अमावस्या है खासः हिंदू नववर्ष की पहली अमावस्या वैशाख अमावस्या 2023 पर ही सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसी दिन दक्षिण भारत में शनि जयंती भी मनाई जाएगी। इसके अलावा इसी दिन सुतवाई अमावस्या की भी पूजा होती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी लग रहा है।
इसके अलावा सोमवार और गुरुवार को पड़ने वाली अमावस्या विशेष फलदायी होती है और वैशाख अमावस्या गुरुवार को पड़ रही है। इस तरह वैशाख अमावस्या को पांच कारण इस साल बेहद खास बना रहे हैं तो आइये जानते हैं वैशाख अमावस्या मुहूर्त, वैशाख अमावस्या उपाय आदि।
Baishakh Amavasya 2023: बैसाख अमावस्या 2023 इस साल 20 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन पूजा पाठ से पितृ दोष और काल सर्प दोष से छुटकारा मिलता है। इसके लिए अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण करने का विधान है। प्रयागराज के आचार्य पं. प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि इस दिन मंत्र की भी साधना की जाती है। इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं और पूजा पाठ करने वाले व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होने से अमावस्या के दिन पूजा पाठ का विशेष फल मिलेगा।
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बैसाख अमावस्या 2023 मुहूर्तः पंचांग के अनुसार बैसाख अमावस्या 2023 की शुरुआत 19 अप्रैल सुबह 11.23 बजे से हो रही है, यह तिथि 20 अप्रैल सुबह 9.41 बजे संपन्न हो रही है। इसलिए उदयातिथि में 20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 4.23 बजे से 5.07 बजे तक है। जबकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5.51 से रात 11.11 बजे तक।

इस दिन राहुकाल दोपहर 1.58 से 3.35 बजे तक
सूर्य ग्रहणः सुबह 7.04 से दोपहर 12.29 बजे तक (हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा)

वैशाख अमावस्या पूजा विधि (Vaishakh Amavasya Puja Vidhi)
1. वैशाख अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें, शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान कर या पानी में गंगाजल डालकर स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
2. इसके बाद विष्णु भगवान की विधि विधान से पूजा करें

3. पितरों की शांति के लिए तर्पण करें और उपवास रखें
4. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और ब्राह्मण को दान दें
5. वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन शनि देव को तिल, सरसों का तेल, नीला पुष्प चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।
6. शनि देव के साथ हनुमानजी की पूजा करें, शनि देव की आरती करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें।


1. बैसाख अमावस्या पर ही इस साल सूर्य ग्रहण है। मान्यता है कि इस तिथि पर बुरी शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। ऐसे में सूर्य ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप आपको बुरी शक्तियों के नकारात्मक प्रभाव से बचाएगा।
2. सोमवार और गुरवार को पड़ने वाली अमावस्या विशेष फलदायी होती है। इस साल वैशाख अमावस्या 2023 गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद श्रीमद्भगवदगीता के सातवें या दूसरे अध्याय का पाठ करें। इस दिन पितृ स्त्रोत भी पढ़ सकते हैं। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

3. इस अमावस्या को सतुवाई अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन सत्तू का दान करने और सेवन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन जल और सत्तू का दान काल सर्प दोष और पितृ दोष से छुटकारा दिलाता है। धन आगमन होता है और दरिद्रता दूर होती है।

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