scriptSarva Pitru Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहे दुर्लभ योग, इन योगों में श्राद्ध का मिलेगा दोगुना फल | Sarva Pitru Amavasya 2024 Time Rare yoga formed on mahalay Amavasya Shradh muhurt will get special auspicious results | Patrika News
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Sarva Pitru Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहे दुर्लभ योग, इन योगों में श्राद्ध का मिलेगा दोगुना फल

Sarva Pitru Amavasya 2024: श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं, जो सर्व पितृ अमावस्या, अश्विन अमावस्या 2 अक्टूबर को महालय अमावस्या के श्राद्ध के साथ संपन्न हो जाएंगे। इस दिन दो शुभ मुहूर्त में श्रद्धा और विश्वास के साथ पितरों को विदाई दी जाएगी। आइये जानते हैं सर्व पितृ अमावस्या का मुहूर्त …

जयपुरOct 01, 2024 / 10:36 am

Pravin Pandey

Sarva Pitru Amavasya 2024 Time

Sarva Pitru Amavasya 2024 Time: तीन शुभ योग में सर्व पितृ अमावस्या

Sarva Pitru Amavasya 2024: पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार पितृपक्ष 2 अक्टूबर तक रहेगा। सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है। इस दिन अमावस्या तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वाले परिजनों के साथ ऐसे पूर्वज जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है, उनका भी श्राद्ध होता है।
इसी दिन पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों का महालय श्राद्ध भी होता है। यह दिन पितरों की विदाई का दिन होता है। इसे पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है।


लौट जाएंगे पितर

हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन मास की अमावस्या पितृ अमावस्या, अश्विन अमावस्या, बड़मावस, दर्श अमावस्या भी कहलाती है। यह अमावस्या पितरों के लिए मोक्षदायनी अमावस्या मानी जाती है।

इसलिए पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या को सबसे अधिक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन श्राद्ध पक्ष समाप्त होता है और पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं।


इन तीन शुभ संयोग में होगा श्राद्ध


पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन और दान आदि से पितृजन तृप्त होते हैं और जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को आशीर्वाद देकर लौटते हैं।
इस साल सर्वपितृ अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों की पूजा करने से व्यक्ति विशेष पर पूर्वजों की विशेष कृपा बरसेगी। इसके अलावा इस दिन दिन उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है।

कब शुरू हो रही है सर्व पितृ अमावस्या

अश्विन अमावस्या का आरंभः 01 अक्टूबर मंगलवार 2024 को रात 09:39 बजे
अश्विन अमावस्या का समापनः 03 अक्टूबर गुरुवार 2024 को रात 12:18 बजे
उदया तिथि में सर्व पितृ अमावस्याः 02 अक्टूबर बुधवार 2024
पितरों के श्राद्ध का समयः सुबह 11:36 बजे से 12:24 बजे तक
नोटः कुछ कैलेंडर में रौहिण मुहूर्त दोपहर 12:24 बजे से दोपहर 01:21 बजे और अपराह्न काल दोपहर 01:21 बजे से 03:43 बजे तक भी श्राद्ध की सलाह दी गई है।

ब्रह्म योग

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार अश्विन अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग का संयोग है। इस योग का समापन 03 अक्टूबर को देर रात 03:22 बजे होगा।
ज्योतिष ब्रह्म योग को शुभ मानते हैं। इस योग में पूजा-उपासना करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। इस समय पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को अवश्य शांति मिलती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वपितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12:23 बजे से हो रहा है और सर्वार्थ सिद्धि योग का समापन 03 अक्टूबर को सुबह 06:15 बजे होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस दिन उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है।

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