दरअसल हिन्दू पंचांग के हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथियों को मिलाकर कुल 30 तिथि होती हैं। ऐसे में समझते हैं कि आखिर ज्योतिष में शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है, और बृहस्पतिवार / गुरुवार, 05 अक्टूबर को किस किस समय का खास ध्यान रखना है। इस संबंध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से हमारे हर कार्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में जहां अनेक बार अत्यधिक परिश्रम के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पातेे हैं, वहीं कई बार कम प्रयासो के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम के फलस्वरूप विजय प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका कारण है – ग्रहों की स्थिति कि वे अनुकूल हैं या अनुकूल नहीं। इसी कारण ज्योतिष के अनुसार हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की बात कही जाती हैं।
तिथि- सप्तमी पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र- मॄगशिरा 07:40 PM तक उसके बाद आर्द्रा
पक्ष- कृष्ण पक्ष
माह- आश्विन
सूर्योदय- 05:51 AM
सूर्यास्त- 05:41 PM
चंद्रोदय- 10:12 PM
चन्द्रास्त- 11:47 AM
बृहस्पतिवार / गुरुवार, 05 अक्टूबर 2023 के विशेष योग :
रवि योग- 05:51 AM से 07:40 PM
बृहस्पतिवार / गुरुवार, 05 अक्टूबर 2023 के शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त- 11:23 AM से 12:10 PM
– मान्यता है कि इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है।
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सामान्य शुभ कार्य के लिए तो यह अत्यंत उत्तम है, परन्तु मांगलिक कार्य तथा ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए और भी योगों को देखा जाना चाहिए। अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा को निषेध माना गया है। साथ ही बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
अमृत काल मुहूर्त- 10:26 AM से 12:07 PM
– अमृत-जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं ये ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाडियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
विजय मुहूर्त- 01:45 PM से 02:32 PM
– इस मुहूर्त में कार्य करने से सफलता मिलती है।
गोधूलि मुहूर्त- 05:29 PM से 05:53 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त- 05:41 PM से 06:54 PM
निशिता मुहूर्त- 11:22 PM से 12:11 AM, अक्टूबर 06
ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 AM से 05:03 AM
प्रातः संध्या- 04:39 AM से 05:51 AM
बृहस्पतिवार / गुरुवार, 05 अक्टूबर 2023 के अशुभ समय :
राहुकाल- 13:15:05 से 14:43:48 तक
दुष्टमुहूर्त- 09:48:06 से 10:35:24 तक, 14:31:58 से 15:19:17 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 16:06:36 से 16:53:55 तक
कुलिक- 09:48:06 से 10:35:24 तक
यमघण्ट- 06:38:50 से 07:26:09 तक
कंटक- 14:31:58 से 15:19:17 तक
यमगण्ड- 05:51:32 से 07:20:14 तक
गुलिक काल- 08:48:57 से 10:17:40 तक
भद्रा- 05:51 AM से 06:02 PM
गण्ड मूल- कोई नहीं है।