यज्ञ का उद्देश्य
गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने बताया कि गायत्री एवं यज्ञ हमारी संस्कृति के माता-पिता हैं। यह जो विराट यज्ञानुष्ठान गायत्री परिवार द्वारा किया जा रहा है वह बिना जाति, वर्ग, क्षेत्र, भाषा के श्रद्धालुओं के सहयोग से सम्पन्न होगा। अपनी श्रद्धा, निष्ठा, कर्मठता, संघबद्धता का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करते हुए भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों में रहने वाले करोड़ों गायत्री साधक, गायत्री को जन-जन तक सर्व सुलभ रूप में पहुंचाने वाले अपने सदगुरु युगऋषि आचार्य श्रीराम शर्मा जी के महाप्रयाण दिवस 2 जून को संपूर्ण विश्व के कल्याणार्थ एक साथ एक समय गायत्री यज्ञ निःशुल्क, बिना जाती धर्म भेदभाव के कराकर आचार्य के चरणों में श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे। साथ ही आगामी 2020 से 2026 तक 10 करोड़ नये घरों में गायत्री यज्ञ करवाया जायेगा।
भारत के साथ संपूर्ण विश्व में होगा एक साथ गायत्री यज्ञ
वदों में गायत्री को सद्विचार की देवी और यज्ञ को सत्कर्म का देवता कहा गया है। भारतीय संस्कृति को यज्ञीय संस्कृति भी कहा जाता है, भारतीय ऋषियों ने इस संसार को य़ज्ञः विश्वस्य भुवनस्य नाभिः, अर्थात- यज्ञ इस ब्रह्मांड का नाभिक केन्द्र है। समाज एवं राष्ट्र की उन्नति के लिए किया जा रहा यह यज्ञ एक ब्रह्मास्त्र प्रयोग है जिससे पर्यावरण संतुलन होगा। युद्ध, आतंक का वातावरण मिटेगा तथा एकता, समता, सुचिता बढ़ेगी। कार्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क है एवं सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय है। यज्ञ से घरों में सुसंस्कारिता का वातावरण निर्मित होगा। यह कोई औपचारिकता या खाना पूर्ति, संख्या पूर्ति नहीं, बल्कि यह तो एक विशेष लक्ष्य-उद्देश्य के लिये आयोजित विराट अनुष्ठान है, जो एक साथ पूरी दुनिया के एक करोड़ घरों में गायत्री यज्ञ सम्पन्न गायत्री मंत्र का जप करने वाले साधक करेंगे।
एक करोड़ पुरोहित करायेंगे यज्ञ
घर-घर गायत्री यज्ञ अभियान के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने बताया कि भारत को विश्वगुरु की भूमिका निभाने में पुनः सक्षम बनाने के लिये इक्कीसवीं सदी उज्ज्वल भविष्य के उद्घोषक आचार्य श्रीराम शर्मा के स्वप्न को साकार करने की दिशा में यह अभियान बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। यज्ञों के संचालन के हेतु एक करोड़ लोक हितकारी यज्ञ कराने वाले पुरोहित तैयार किए जा रहे हैं। इन पुरोहितों में पुरुष ही नहीं, उच्च शिक्षित महिलाएं भी यज्ञ करायेंगी। जो नये पुरोहित हैं उन्हें यज्ञ कर्मकांड कराने का विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। देश दुनिया के एक करोड़ घरों में जाकर एक करोड़ पूर्ण प्रशिक्षित पुरोहित ही यज्ञ करायेंगे। इसके लिए घर घर जाकर लोगों से उनके घरों में कराने की पूर्व में ही अनुमति ली जा रही है और जन मानस इस अभियान के लिए सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। पूर्व से निश्चित चयनित घरों में ही यह गायत्री यज्ञ सम्पन्न किया जायेगा।
मोबाइल पंडित
मोबाइल पंडित अर्थात सोशल मीडिया से जुड़कर ऐसी युवा पीढ़ी जो इस अभियान से जुड़कर अपने घर पर स्वयं भी या किसी और के घर जाकर गायत्री यज्ञ करना चाहते हैं तो, अपने एंडरॉयड मोबाइल फोन पर यज्ञ कर्मकाण्ड www.awgp.org एवं www.diya.net.in से डाउनलोड कर उसके सहयोग से सरलता पूर्वक गायत्री यज्ञ संपन्न करा सकते हैं। इसी प्रकार यज्ञ कर्मकाण्ड के मंत्रों का प्रशिक्षण वाला वीडियो भी इसी से डाउनलोड कर अभ्यास भी किया जा सकता है।
यज्ञ के लाभ
डॉ. प्रणव पंड्या ने बताया कि यह यज्ञ समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है, एवं यही संसार का सर्वश्रेष्ठ शुभकर्म है। यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध करता है। यज्ञ धुम्र वायुमण्डल को सुगन्धि एवं पुष्टि प्रदान कर पर्जन्य वर्षा कराता है। यज्ञ वातावरण में विद्यमान रोग-कीटाणुओं का नाश करता है और स्वास्थ्य प्रदान करता है। यज्ञ द्वारा विश्वव्यापी पंचतत्वों की तन्मात्रा की तथा दिव्य शक्तियों की पुष्टि होती है। जहां नियमित यज्ञ होते हैं वह स्थान पवित्र व संस्कारवान् स्थान बन जाते हैं। यज्ञ से घरों में सुसंस्कारिता का वातावरण निर्मित होता है। यज्ञ त्याग-परोपकार, सहयोग-सहकार एवं सम्मान का सर्वोत्तम शिक्षक है। यज्ञ एक सिद्ध एवं पूर्ण विज्ञान है।
निःशुल्क होगा यज्ञ
डॉ. प्रणव पंड्या के अनुसार जिन एक करोड़ घरों में गायत्री परिजन पुरोहित यज्ञ कराने जायेंगे उनके द्वारा यज्ञ कराने की दक्षिणा या किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जायेगा अर्थात पूरी तरह निःशुल्क गायत्री यज्ञ किया जायेगा।
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