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यहां जानें कौन हैं सप्तऋषि? (Saptrishi budget)
(Saptrishi budget) प्राचीन काल में सात ऋषियों का एक समूह था। इस समूह को सप्तऋषि कहकर पुकारा जाता था। इन ऋषियों पर ब्रह्माण्ड में संतुलन बनाए रखने, मानव जाति को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी थी। माना जाता है कि ये सप्तऋषि आज भी अपनी इन जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। वहीं रात के समय आकाश में दिखाई देने वाले एक तारामंडल को भी सप्तऋषि तारामंडल की संज्ञा दी गई है। (Saptrishi budget) आपको बता दें कि वेदों में जिन सात ऋषियों के नाम का जिक्र मिलता है, वे हैं ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि। यही वे सात ऋषि हैं जिन्हें वेदों में वैदिक धर्म का संरक्षक बताया गया है।
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यह भी जानें (Saptrishi budget)
– कश्यप ऋषि की 17 पत्नियां थीं। इनकी अदिति नाम की पत्नी से सभी देवता और दिति नामक पत्नी से दैत्यों की उत्पत्ति मानी गई है।
– माना जाता है कि शेष पत्नियों से भी अलग-अलग जीवों की उत्पत्ति हुई है।
– दूसरे ऋषि हैं अत्रि। पुराणों के अनुसार त्रेतायुग में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय में अत्रि ऋषि के आश्रम में ही रुके थे।
– ऋषि अत्रि की पत्नी अनसूया माता थीं। इनके पुत्र भगवान दत्तात्रेय हैं।
– तीसरे ऋषि हैं भारद्वाज। इन्होंने आयुर्वेद सहित कई ग्रंथों की रचना की थी। इनके पुत्र द्रोणाचार्य थे।
– चौथे ऋषि हैं विश्वामित्र। इन्होंने गायत्री मंत्र की रचना की थी।
– पांचवें ऋषि हैं गौतम। इनकी पत्नी अहिल्या थीं। इन्होंने शाप देकर अहिल्या को पत्थर का बना दिया था।
– भगवान श्रीराम की कृपा से अहिल्या ने फिर से अपना रूप प्राप्त किया था।
– छठे ऋषि हैं जमदग्नि। इनके पुत्र भगवान परशुराम थे।
– सातवें ऋषि हैं वशिष्ठ। ऋषि वशिष्ठ राजा दशरथ के चारों पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के गुरु थे।