पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी की शुरुआत 22 सितंबर शुक्रवार दोपहर 1.35 बजे हो रही है और यह तिथि 23 सितंबर शनिवार दोपहर 12.17 बजे संपन्न हो रही है। लेकिन महालक्ष्मी व्रत में शाम की पूजा का महत्व है, इसलिए व्रत की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। वहीं महालक्ष्मी व्रत 6 अक्टूबर शुक्रवार को ही पूर्ण हो रहा है। यानी इस साल महालक्ष्मी व्रत के दिन 15 रहेंगे।
महालक्ष्मी व्रत पूर्णः शुक्रवार 6 अक्टूबर 2023
सम्पूर्ण महालक्ष्मी व्रत के दिनः 15 महालक्ष्मी व्रत के दिन योग
पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत दो शुभ योगों में हो रही है। इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहा है, जो अधिकांश कार्यों के लिए शुभ होते हैं। इस दिन आयुष्मान योग रात 11.53 बजे तक है जबकि सौभाग्य योग भी दिनभर है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महालक्ष्मी व्रत पूजा के दौरान पीले धागे के खास उपाय आपको धन धान्य से भर देगा। सिर्फ एक उपाय से इतना लाभ होगा कि घर के आसपास कोई बड़ा आर्थिक संकट नहीं फटकेगा।
1. महालक्ष्मी व्रत के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें और ऊँ महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करते हुए कच्चे सूत में 16 गांठ लगाएं। इसके बाद हर गांठ पर कुमकुम. अक्षत लगाएं और माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करर दें। पूजा संपन्न होने के बाद इसे दाहिने हाथ में बांध लें। इससे आपके पास कभी धन की कमी नहीं होगी।
2. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यदि लंबे समय से आपको नौकरी में पदोन्नति नहीं मिल रही है या व्यापार में अच्छा परिणाम नहीं आ रहा है तो महालक्ष्मी व्रत शुरू होने से अश्विन कृष्ण अष्टमी तक रोजाना इसकी कथा सुनें और ध्यान रहे इस दौरान हाथ में चावल के 16 दाने लिए रहें। कथा पूरी होने के बाद शाम को ये चावल के दाने जल में डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. ये उपाय आपकी तरक्की कराएगा।
3. महालक्ष्मी व्रत के पहले दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और फिर इसे 16 कन्याओं में बांट दें। इससे धन, ऐश्वर्य, संपदा का आशीर्वाद मिलता है और जो लोग 16 दिन व्रत नहीं कर पाते वह इस व्रत को पहले 3 दिन करके पूरा कर सकते हैं।
4. महालक्ष्मी व्रत के दौरान कमलगट्टे की माला से ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा मंत्र से 108 बार हवन करें। ये उपाय वैवाहिक जीवन में सौभाग्य और करियर में सफलता दिलाता है।
महालक्ष्मी व्रत के दौरान यह करें और यह न करें
1. मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत की अवधि में मां लक्ष्मी घर में विराजमान रहती हैं। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत शुरू होने से पहले घर और मंदिर की अच्छे से साफ सफाई कर लेनी चाहिए। क्योंकि माता लक्ष्मी कभी भी गंदे स्थान पर नहीं ठहरतीं। साथ ही घर से टूटे बर्तन, टूटा हुआ शीशा आदि चीजों को बाहर कर देना चाहिए। इससे लक्ष्मी माता रुष्ट हो सकती हैं।
2. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महालक्ष्मी व्रत के दौरान सुबह-शाम घर के मुख्य द्वार पर घी का दीया जलाना चाहिए। व्रत के पहले घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और कुमकुम से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह बनाएं। साथ ही मां लक्ष्मी के मंत्र ओम लक्ष्म्यै नमः का रोजाना 108 बार जाप करें।