बुद्ध पूर्णिमा 2023 मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई 2023, सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो जाएगी। वहीं 5 मई 2023 की रात 11 बजकर 3 मिनट पर यह संपन्न होगी। इस दिन स्नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 12 मिनट से सुबह 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। वहीं सत्यनारायण का पूजा मुहूर्त सुबह 7 बजकर 18 मिनट से सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। चंद्रमा को अघ्र्य देने का समय शाम 6 बजकर 45 मिनट रहेगा। निशिता काल का मुहूर्त 5 मई 2023, की रात 11 बजकर 56 मिनट से 6 मई 2023 प्रात: 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। यही समय मां लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त है।
बुद्ध पूर्णिमा 2023 शुभ योग
बुद्ध पूर्णिमा इस बार शुक्रवार के दिन पड़ रही है। वहीं इस दिन सिद्ध योग का संयोग भी बन रहा है। शुक्रवार और पूर्णिमा दोनों ही मां लक्ष्मी को अति प्रिय हैं। इसीलिए शास्त्रों में माना गया है कि मां के अति प्रिय इन क्षणों में यदि मां लक्ष्मी का पूजन किया जाए तो साधना सफल होती है। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, तो कभी भी आर्थिक परेशानियां परेशान नहीं करतीं। हालांकि इस दिन चंद्र ग्रहण भी है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा और न ही भारत पर इसका कोई प्रभाव दिखेगा।
सिद्ध मुहूर्त और चंद्र ग्रहण का समय
सिद्ध योग 4 मई 2023 को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से बनेगा, वहीं यह 5 मई 2023 की सुबह 9 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा चंद्र ग्रहण 05 मई को रात 8 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 1 बजे पूर्ण होगा।
बुद्ध पूर्णिमा पर जरूर ट्राय करें ये उपाय
– यदि आपका कोई काम लंबे समय से पेेंडिंग चल रहा है, तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। ऐसा करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और आपके काम रुकते नहीं चल पड़ते हैं।
– इस दिन घर की साफ-सफाई के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें, ऐसा करने से नेगेटिविटी दूर होती है।
– बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव का ध्यान करें। एक चांदी की प्लेट में घी का दीपक और धूप जलाएं। इसमें मखाने और सूखे छुहारे रखें। चंद्रमा को दूध से अघ्र्य दें। चांदी की प्लेट में रखीं चीजें चंद्रमा को अर्पित करें। आप चाहें तो साबूदाने की खीर भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद मखानों और खीर को परिवार के सदस्यों को बांट दें।
– इस उपाय को करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
– इस दिन आप किसी तीर्थ स्थल पर जाकर गंगा स्नान करें। अंजलि भरकर इसमें काले तिल मिलाएं और पितरों के निमित्त इसे अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर-परिवार से कलह और अशांति दूर होती है।