‘ऊं वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
– ये सरस्वती गायत्री मंत्र है। बसंत पंचमी पर इस मंत्र का 5 माला का जाप करने से मां सरस्वती आप पर मेहरबान होती हैं। आपको जीवन में तरक्की मिलने लगती है।
‘पद्माक्षी ऊं पद्मा क्ष्रेय नम:।’
– मां सरस्वती के इस गुप्त मंत्र का बसंत पंचमी पर 108 बार जाप करने से कॅरियर में आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसका जाप करने के लिए सफेद आसन पर बैठें और दो मुखी दीपक लगाकर देवी सरस्वती का स्मरण करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
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‘ऊं वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा।’
– कला के क्षेत्र, वाणी दोष दूर करने के लिए बसंत पंचमी पर इस मंत्र क जाप करना चाहिए। सरस्वती देवी की पूजा के बाद स्फटिक की माला से इस मंत्र का 5 माला उच्चारण करें। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति अपनी बोली पर कंट्रोल करने में सक्षम हो जाता है।
‘ह्रीं त्रीं हूं’
– बसंत पंचमी पर दस महाविद्या में नील सरस्वती का पूजन भी किया जाता है। ये मंत्र नील सरस्वती देवी का अचूक मंत्र है। इस मंत्र से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। वैवाहि जीवन में बुरी बला का साया नहीं मंडराता। वहीं आर्थिक तंगी दूर करने के लिए भी इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
‘या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’
– बसंती पचंमी के दिन मां सरस्वती के इस मंत्र का एक माला जाप करें। ऐसा करने से आपकी बुद्धि का विकास होता है।
‘विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।’ – विद्या प्राप्ति के लिए देवी सरस्वती का ये मंत्र बहुत लाभकारी है। इसे बसंत पंचमी के दिन जरूर उच्चारित करें।