दरअसल हिन्दू पंचांग के हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथियों को मिलाकर कुल 30 तिथि होती हैं। ऐसे में समझते हैं कि आखिर ज्योतिष में शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है, और शुक्रवार, 15 सितंबर को किस किस समय का खास ध्यान रखना है। इस संंबंध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से हमारे हर कार्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में जहां अनेक बार अत्यधिक परिश्रम के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पातेे हैं, वहीं कई बार कम प्रयासो के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम के फलस्वरूप विजय प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका कारण है – ग्रहों की स्थिति कि वे अनुकूल हैं या अनुकूल नहीं। इसी कारण ज्योतिष के अनुसार हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की बात कही जाती हैं।
वहीं हिंदू पंचांग में तिथियों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में भारतीय ज्योतिष शास्त्र के तहत हिंदू पंचांग इस तरह से बना है कि प्रत्येक तिथि पर एक विशेष देवी या देवता की पूजा की जाती है। जिसके कारण इन तिथियों पर शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता ही नहीं होती।
दरअसल ज्योतिष शास्त्र की मुहूर्त किसी भी मांगलिक कार्य को शुरु करने का ऐसा शुभ समय होता है जिसमें सभी ग्रह और नक्षत्र शुभ और सकारात्मक परिणाम देने की स्थिति में होते हैं। ग्रहों की यहीं दशा इस शुभ समय में कार्य शुरू करने से सफलता प्रदान तो करती ही है साथ ही काम में आने वाली अड़चनों को भी दूर कर देती हैं।
शुक्रवार, 15 सितंबर का पंचांग :
वार- शुक्रवार, 15 सितम्बर 2023
तिथि- अमावस्या 07:09 AM तक उसके बाद प्रतिपदा
नक्षत्र- उत्तराफाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक
पक्ष- कृष्ण पक्ष
माह- भाद्रपद
सूर्योदय- 05:44 AM
सूर्यास्त- 06:03 PM
चंद्रोदय- 05:44 AM
चन्द्रास्त- 06:22 PM
शुक्रवार, 15 सितंबर 2023 के शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त- 11:28 AM से 12:18 PM
– मान्यता है कि इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है।
क्या करें इस मुहूर्त में – इस मुहूर्त में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है। अतत्न इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। सभी शुभ कार्य जैसे किसी विशेष कार्य से यात्रा करना, किसी नए कार्य को प्रारम्भ करना, व्यापार प्रारम्भ करना, धन संग्रह करना या पूजा का प्रारम्भ करना आदि। यह मुहूर्त प्रत्येक दिन में आने वाला एक ऐसा समय है जिसमें आप लगभग सभी शुभ कर्म कर सकते हैं। सामान्य शुभ कार्य के लिए तो यह अत्यंत उत्तम है, परन्तु मांगलिक कार्य तथा ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए और भी योगों को देखा जाना चाहिए। अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा को निषेध माना गया है। साथ ही बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
Must Read-
अमृत काल मुहूर्त- 11:35 PM से 01:22 AM, सितंबर 16
– अमृत-जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं य ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाडियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
विजय मुहूर्त- 01:56 PM से 02:46 PM
– इस मुहूर्त में कार्य करने से सफलता मिलती है।
गोधूलि मुहूर्त- 05:50 PM से 06:14 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त- 06:03 PM से 07:13 PM
निशिता मुहूर्त- 11:30 PM से 12:17 AM, सितंबर 16
ब्रह्म मुहूर्त- 04:10 AM से 04:57 AM
प्रातः संध्या- 04:34 AM से 05:44 AM
शुक्रवार, 15 सितंबर 2023 के अशुभ समय :
राहुकाल- 10:20:47 से 11:53:10 तक
दुष्टमुहूर्त- 08:11:27 से 09:00:43 तक, 12:17:49 से 13:07:05 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 14:45:38 से 15:34:54 तक
कुलिक- 08:11:27 से 09:00:43 तक
यमघण्ट- 16:24:11 से 17:13:27 तक
कंटक- 13:07:05 से 13:56:21 तक
यमगण्ड- 14:57:57 से 16:30:20 तक
गुलिक काल- 07:16:01 से 08:48:24 तक
भद्रा- कोई नहीं है
गण्ड मूल- कोई नहीं है।