अध्ययन के मुताबिक, 77 फीसदी भारतीयों का मानना है कि प्रौद्योगिकी का प्रयोग उनके रिश्तों का हिस्सा है, जबकि 67 फीसदी का मानना है कि उनका साथी उनसे ज्यादा इंटरनेट से जुड़े डिवाइसों में रुचि लेता/लेती है।
मैकेफी के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष (इंजीनियरिंग) वेंकट कृष्णापुर ने एक बयान में कहा – आज की कनेक्टेड जीवनशैली में दैनिक गतिविधियां और ग्राहकों से साथ संपर्क प्रौद्योगिकी और एप्स के माध्यम से होता है। प्रौद्योगिकी पर हमारी इस निर्भरता के कारण हमें अनजान के साथ अपनी निजी जानकारियों को साझा करना है। इसलिए हमें जरूरत से ज्यादा जानकारियां साझा करने से सतर्क रहना चाहिए और सुधारात्मक उपाय करना चाहिए।
इस रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि चार भारतीय में से तीन (75 फीसदी) को अपने साथी का
ध्यान प्राप्त करने के लिए उनकी डिवाइस के साथ प्रतिद्वंद्विता करनी पड़ी। आधे से ज्यादा वयस्कों (21 से 40 साल के बीच) ने बताया कि ऐसा एक से ज्यादा बार हो चुका है।
इसके बाद, 81 फीसदी भारतीयों का कहना था कि उन्हें अपने दोस्त, परिवार के सदस्य या उनके जीवन के महत्वपूर्ण व्यक्ति के साथ इस बात को लेकर बहस करनी पड़ी कि वह जब साथ होते हैं तो उनका साथी अपने फोन पर ज्यादा ध्यान देता/देती है।