जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को आदेश दिया है कि वो आम्रपाली केस में मनी लान्ड्रिग की जांच करे। कंपनी पर आरोप है कि उसने मनी लान्ड्रिंग के तहत घर खरीददारों के पैसे को कही और डायवर्ट कर दिया है। कंपनी ने बायर्स के साथ धोखाधड़ी करते हुए उनकी गाढ़ी कमाई को कही और लगा दिया है। जिसके चलते बायर्स को समय पर उनका घर नहीं मिल सका।
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के CMD ने दी जानकारी
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने पत्रिका डॉट कॉम को जानकारी देते हुए बताया कि मैं आम्रपाली ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इस फैसले से हजारों घर खरीदारों को उनके सपने का आशियाना मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मेरा मनना है कि इस फैसले न सिर्फ घर खरीदारों को बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर और बिल्डर दोनों को फायदा मिलेगा। कोर्ट ने घर खरीदारों को बकाया पैसा भुगतान करने का आदेश दिया है। इससे प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद मिलेगी। यह फैसला दूसरे प्रोजेक्ट पर भी लागू होगा। यानी तमाम रुके प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए आम्रपाली को रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दे दिया है। साथ ही कहा गया है कि होम बायर्स को पेंडिंग अमाउंट 3 महीने में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराया जाए।
जेल में बंद हैं आम्रपाली के मालिक
आपको बता दें कि आम्रपाली के डायरेक्टर और सीएमडी समेत अन्य बड़े अधिकारी पहले से ही जेल में बंद हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कंपनी के डायरेक्टर्स की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए थे। आम्रपाली के हजारो बॉयर्स फ्लैट के लिए रकम देने के बावजूद उन्हें फ्लैट नहीं मिला है। सालों से ये बॉयर्स फ्लैट के लिए चक्कर लगा रहे हैं।