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रतलाम

मध्यप्रदेश में गंगाजल से लेकर गोल्ड बांड का इंतजार

भारत में गंगाजल का काफी महत्व है। गंगा को सबसे अधिक पवित्र माना जाता है, लेकिन बात मध्यप्रदेश के रतलाम की करें तो यहां पर गंगाजल का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इतना ही नहीं, गोल्ड बांड को लेकर भी लोगों के हाथ में सिर्फ इंतजार ही है।

रतलामSep 19, 2019 / 02:04 pm

Ashish Pathak

gold bond from Ganga water in Madhya Pradesh

gold bond from Ganga water in Madhya Pradesh

रतलाम। भारत में गंगाजल का काफी महत्व है। गंगा को सबसे अधिक पवित्र माना जाता है, लेकिन बात मध्यप्रदेश के रतलाम की करें तो यहां पर गंगाजल का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इतना ही नहीं, गोल्ड बांड को लेकर भी लोगों के हाथ में सिर्फ इंतजार ही है। सरकार ने पोस्ट ऑफिस के माध्यम से आम लोगों को सावन मास में गंगाजल उपलब्ध कराने व सितंबर माह में निवेशकों के लिए गोल्ड बांड योजना शुरू की थी। दोनों योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाई है। हाल यह कि यहां से गंगाजल के लिए भेजी गई डि़माड के प्रति मुख्यालय ने रुचि नहीं दिखाई। इसके चलते गंगाजल की बोतलें नहीं आ पाई। इधर निवेशकों ने एक भी गोल्ड बांड नहीं खरीदा।
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गंगाजल योजना

सावन मास में भोले की आराधना में गंगाजल का उपयोग कर सके। पोस्ट आफिस में 30 रुपए में गंगाजल की बोतल वितरण की योजना शुरू करना थी। पोस्ट ऑफिस से 500 बोतल की डिमांड भेजी थी, लेकिन उस डिमांड को भेजे एक माह से अधिक समय हो गया। लेकिन मुख्यालय से अभी तक गंगाजल की बोतलें नहीं आ पाई। सनद रहे कि रक्षाबंधन पर बहन की ओर से भेजी जाने वाली रेशम की डोर(राखी) बारिश में गीली ने हो जाए। इसके लिए हर वर्ष पोस्टऑफिस में बिक्री के लिए वाटरप्रूफ लिफाफे आते थे, लेकिन इस वर्ष ये लिफाफे भी नहीं आए। रक्षाबंधन पर बारिश से बचने के लिए इस लिफाफे का भी इंतजार किया गया, मगर लोगों को निराशा हाथ लगी।
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गोल्ड बांड योजना

सोने के बढ़ते भाव के चलते पोस्ट ऑफिस भी निवेशकों की सुविधा के लिए चौथे चरण में गोल्ड बांड की शुरुआत ९ सितंबर से की गई थी, जो 13 सितंबर तक चली। लेकिन इन पांच दिनों में एक भी निवेशक ने खरीदारी को लेकर रुचि नहीं दिखाई। अरुचि का कारण सोने के दामों में आ रहे अचानक उतार-चढ़ाव को भी देखा जा रहा है। व्यक्ति एक ग्राम से चार किलो सोने के मूल्य तक के बांड खरीद सकता था। इसमें 20 हजार से अधिक की राशि चेक के माध्यम से देना थी। बांड खरीदने वाले निवेशकों को आरबीआई द्वारा तय दर के अनुसार गोल्ड बांड प्रदान किए जाने थे। निवेशक को खरीदे गए बांड पर 2.50 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलता। जो वर्ष में दो बार जुड़ता। इस बांड की समयावधि आठ साल की थी।
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गंगाजल के प्रति रुझान कम
पोस्ट ऑफिस के माध्यम से गंगाजल व गोल्ड बांड योजना शुरू की गई थी। 500 बोतल की डिमांड भेजी थी लेकिन मुख्यालय से गंगाजल उपलब्ध नहीं कराया है। वर्तमान मे सोने के भाव अधिक होने से निवेशकों में असमंजस की स्थिति देखी गई। इसके कारण लोगों का रुझान गोल्ड बांड की खरीदारी के प्रति नहीं दिखा।
– प्रवीण श्रीवास्तव, अधीक्षक, प्रधान डाकघर रतलाम।

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