दीपोत्सव के दौरान जमकर आता है दान
2 नवंबर से लेकर 6 नवंबर तक पांच दिवसीय दीपोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान श्री महालक्ष्मी मंदिर में करीब 5 करोड़ की सजावट की गई थी। इस सजावट में करीब 2 करोड़ रुपए नगदी व 3 करोड़ रुपए के आभूषण से मंदिर को मनमोहक तरीके से सजाया गया था। इसी बीच आरोप है कि दीपावली व इस दौरान जो भक्त आए उनके द्वारा चढ़ाई गई दक्षिणा को पुजारी संजय ने सरकारी दानपात्र में नहीं डाला बल्कि अपनी जेब में रख लिया। पांच दिन में मंदिर में सबसे अधिक भक्त पहुंचते हैं। अब यह राशि कितनी है, इसका आंकलन वीडियो के आधार पर किया जा रहा है। फिलहाल जांच के आदेश जारी कर दिए गए है।
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पुजारी को थमाया नोटिस
प्रशासकीय अधिकारियों के अनुसार संजय पुजारी को नोटिस थमा दिया गया है व तय समय सीमा में जवाब देने को कहा गया है। इस नोटिस में दक्षिणा को दान पात्र के बजाए जेब में क्यों रखा गया इस बारे में सवाल किए गए है। इसके अलावा पुजारी को क्यों न मंदिर में सेवा पद से हटाया जाए इस बारे में कहा गया है।
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इसलिए रुपए रखने पर आपत्ति
असल में रियासत समय में इस मंदिर का निर्माण शहर के संस्थापक तत्कालीन राजा रत्न सिंह ने करवाया था। राजा के साथ जोधपुर से श्रीमाली ब्राहमण समाज भी बड़ी संख्या में आया था। तब समाज के वरिष्ठ द्वारा ही मंदिर में पूजा की जाती थी। बाद में मंदिर को कोर्ट्स ऑफ वार्ड्स में ले लिया गया। सामान्य भाषा में बताया जाए तो मंदिर सरकारी हो गया। इसके बाद इसमें आने वाले चढ़ावे पर सरकार का हक होता है।
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