डॉ महक ने चिकित्सकों को बताया कि नई तकनीक से पेट की सर्जरी करके तीन छेद किए जाते है व चर्बी को निकाला लिया जाता है। इसके अलावा बेहतर यह है की व्यक्ति लगातार विभिन्न प्रकार के योग करें। जो व्यक्ति विभिन्न प्रकार के नशे का सेवन करता है उसके अंदर मोटापा बढऩे की समस्या अधिक रहती है।
इस दौरान डॉ. श्वेता ने कहा कि महिलाओं व बेटियों में आजकल सबसे बड़ी समस्या दो प्रकार की आती है। पहली यह सर्जरी से बच्चे हो रहे है। इसकी एक वजह बेटियों को पोष्टिक आहार देने में हम कतराते है। दूसरी समस्या है समय पर गर्भधारण नहीं होना। गर्भधारण हुआ तो पेट में बच्चा टिकता नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि हिमोग्लोबिन सही हो। यह तब सही रहेगा जब आहार बेहतर रहेगा। इसके अलावा माहवारी समय पर नहीं होना, नियमित नहीं होना प्रमुख समस्या के रुप में सामने आ रहा है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले योग व पोष्टिक आहार नियमित हो।
इसके पूर्व अस्पताल में दोनों चिकित्सकों की उपस्थिति में शिविर का आयोजन हुआ। इस दौरान करीब ३० मरीजों का परीक्षण किया गया। इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सक व समाजसेवी डॉ. लीला जोशी का सम्मान किया गया। इस अवसर पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एेके मालवीय, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दशोत्तर, डॉ. अंकिता मेहता, डॉ. केएन गेहलोत, डॉ. सुधाकर शर्मा, डॉ. अविनाश चंद्र, डॉ. महेंद्र टटवाडे़, डॉ. दीपक सकलेचा, डॉ. वीवी नाग सहित अन्य उपस्थित रहे।