मंडल रेल प्रबंधक आरएन सुनकर ने बताया कि झालावाड निवासी सेना में पदस्थ एक अधिकारी का बेटा ट्यूशन से सीधे बगैर घर पर गए कोटा पहुंचा व बगैर सूचना दिए ट्रेन में बैठ गया। जब समय होने के बाद भी किशोर अपने घर नहीं पहुंचा तो परिवार के सदस्य कोचिंग सेंटर पहुंचे। यहां पर मित्रों ने बताया कि उनके बेटे को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत है व उसी में टास्क पूरा करने के लिए मुंबई जाने की बात कह रहा था। इसके बाद परिवार से कोटा से लेकर बड़ोदरा तक रिश्तेदारों व परिवार के सदस्यों को सूचना दी।
परिवार के सदस्यों ने इसी बीच जिला कांगे्रस के पूर्व अध्यक्ष प्रभु प्रकाश राठौर को इस बारे में बताया। रात करीब डेढ़ बजे मिली सूचना के बाद राठौर ने अपने मीडिया के दोस्तों को सूचना दी। इसके बाद मित्रों ने बिती रात ही रेलवे में अनेक जगह सोशल मीडिया पर ट्वीट करके मदद मांगी। ट्वीट के बाद रेलवे हरकत में आया।
अब तक हम 356 इस प्रकार के बच्चों को तलाश करके उनके घर तक पहुंचा चुके है जो बगैर बताए घर से निकल जाते है। इस मामले में भी रात से तलाश शुरू हुई जो सुबह करीब 5 बजे सफल हुई।