असल में बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार चाय पत्ती दो प्रकार की होती है। एक सामान्य व एक प्रीमियम। इस समय दोनों प्रकार की चाय पत्ती के दाम में इजाफा हो गया है। इसके चलते चाय की चुस्की भी महंगी हो गई है। इसके अलावा पैकिंग वाली चाय के दाम भी 50 रुपए से लेकर 80 रुपए तक बढ़ गए है।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार पूर्व का जो स्टॉक था वो लॉकडाउन में मिली छूट के दौरान ही खपत में आ गया। इसके अलावा जब अनलॉक हुआ व बाजार में दुकाने खुली तो चाय की खपत बढ़ गई। वैसे गर्मी के समय में चाय की मांग कम होती है, लेकिन आपुर्ति नहीं होने व मांग कायम रहने से दाम बढ़ रहे है। चाय के बागान में से मजूदरों के पलायन से भी काम रुक गया।
शहर में चाय की चुस्की 5 रुपए से लेकर 10 रुपए तक की कीमत की है। सामान्य रुप से चाय 5 रुपए से लेकर 7 रुपए तक कट मिल रही है। लेकिन सुपर चाय या स्पेशल चाय ली जाए तो इसके दाम 10 रुपए हो जाते है। अब यही दाम बढ़कर इसी माह में 7 रुपए से लेकर 15 रुपए तक करने की तैयारी हो रही है।
यह अर्थशास्त्र का सामान्य नियम है कि जब मांग व पुर्ति में अंतर आता है तो दाम कम या अधिक होते है। असम से लेकर बंगाल तक चाय के बागान में मजदूर नहीं है, तो आपुर्ति प्रभावित हो रही है। इसके चलते चाय पत्ती के दाम में बढ़ोतरी स्वाभाविक रुप से हुई है।
– बाबुलाल राठी, अध्यक्ष रतलाम जिला व्यापारी महासंघ
चाय पत्ती के दाम में बढ़ोतरी हो गई है। दूध के दाम भी आसमान पर है। ऐसे में आने वाले दिनों में चाय की चुस्की महंगी होगी।
– अनिल कुमार, चाय विक्रेता, कालिका माता