कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के लिए भाजपा नेता व कार्यकर्ता यहां जमा होने लगे थे। दोपहर १ बजे तक भाजपा के तीनों विधायक व सांसद सहित अन्य पदाधिकारी भी यहां पहुंचे और फिर प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। शुरुआत में पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ताओं ने मंच से अपनी बात कही। प्रदर्शन के बाद दोपहर करीब २.१५ बजे सांसद ने ग्रामीण एसडीएम प्रवीण कुमार फुलपगारे को ज्ञापन दिया, जिसे लेकर वह चले गए। इस बीच अन्य नेताओं ने बताया कि यह तो एसडीएम है, ज्ञापन कलेक्टर को देंगे, उसके बाद अन्य विधायक व वरिष्ठ नेताओं ने बखेड़ा कर दिया। कलेक्टर द्वारा ज्ञापन लेने नहीं आने पर भाजपा नेताओं का गुस्सा सिर चढ़ गया। पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी ने कहा कि जब कांग्रेस का ज्ञापन होता है तो कलेक्टर खुद ज्ञापन लेने आती है और हम आते है तो हमेशा भाग जाती है। मेडम का ये रवैया ठीक नहीं है। कलेक्टर नही है तो प्रभारी को बुलाआ। अपर कलेक्टर भी नहीं है क्या। यदि वो भी नहीं आती तो हम अंदर चले जाते है। मामले को बिगड़ता देख सीएसपी ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की तो फिर एएसपी इंद्रजीत बाकरवाल और अपर कलेक्टर जमुना भिड़े यहां पहुंचे। बाद में भाजपाइयों ने एडीएम को ज्ञापन दिया।
भाजपा के मंच से सांसद जीएस डामोर ने कहा कि राष्ट्र भक्त को राजगढ़ कलेक्टर द्वारा चांटा मारना ये राष्ट्र भक्त का नहीं भारत माता का अपमान है। हम ये अपमान नहीं सहन करेंगे। आज कांग्रेस का शासन है, कल बीजेपी का शासन होगा, जो-जो कांग्रेस का प्रवक्ता बनकर अधिकारी व कर्मचारी काम कर रहा है, आप भी समझ लेना कि जो काम कांग्रेस ने नहीं किया अब वो काम भाजपा करेगी और हम आपको छोडऩे वाले नहीं है।
शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि माफिया के नाम पर पूरे प्रदेश में एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। माफिया कौन है, कमलनाथ जी को स्वयं कलेक्टरों को निर्देश देना पड़े की माफिया पर कार्रवाई जब तक कमिश्नर के निर्देश न हो तब तक न करें। इस दौरान जावरा विधायक राजेंद्र पांडे, ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा, पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, कन्हैयालाल मौर्य, मनोहर पोरवाल, जितेंद्र गेहलोत सहित कई नेता मौजूद रहे।