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रतलाम

बीमार को ठीक करने वाला अस्पताल हो गया बीमार

कहने को पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल पर मुख्यालय पर बना हुआ रेलवे अस्पताल कई कारणों से नाम कमा चुका है, लेकिन इन दिनों यह अस्पताल बीमार चल रहा है। यहां पर सोनोग्राफी के लिए चार वर्ष पहले जो मशीन लगाई गई वो अब तक उपयोग में नहीं लाई गई है, इसकी वजह इसको चलाने वाले योग्य व्यक्ति का अभाव है। इसके अलावा कई पद रिक्त है तो पेंशनर अलग परेशान हो रहे है।

रतलामFeb 22, 2020 / 02:40 pm

Ashish Pathak

this hospital to cure the sick became ill

this hospital to cure the sick became ill

रतलाम। कहने को पश्चिम रेलवे में मुंबई के बाद रतलाम का रेलवे अस्पताल सबसे बेहतर माना जाता है, लेकिन यहां पर प्रतिमाह 100 से अधिक मरीजों को जरुरत होने पर सोनोग्राफी के लिए रेलवे अस्पताल प्रशासन बाहर का दरवाजा दिखा देता है। पेंशनरों को दवा लेने के लिए आम मरीजों के साथ लाइन में लगना होता है तो कई विशेषज्ञ के पद लंबे समय से रिक्त है, जिनको भरने का कोरा आश्वासन हर बार मिल रहा है।
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IMAGE CREDIT: Dinesh Yadu
कहने को रेलवे अस्पताल की साख कई कारणों से है। यहां पर पद्यविभुषण प्राप्त डॉ. लीला जोशी काम कर चुकी है, लेकिन अब इस अस्पताल की साख कम होती जा रही है। यहां पर गर्भावस्था हो या पेट अन्य किसी बीमारी में सोनोग्राफी की जरुरत, मरीज को बाहर का रास्ता देखने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस अस्पताल में चार वर्ष से सोनोग्राफी मशीन धूल खा रही है। इसको चलाने वाला रेडियोलॉजिस्ट तक को अस्पताल प्रशासन नियुक्त नहीं कर पाया है। इसके चलते रेलवे ने यह कार्य निजी महंगे संस्थान को ठेके पर दे दिया है। प्रत्येक माह करीब 100 से अधिक सोनोग्राफी बाहर की जा रही है।
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पेंशनर की हो रही फजीहत

सबसे अधिक पीड़ा यहां पर पेंशनरों को हो रही है। यहां पर पेंशनरों को आम मरीजों के साथ ही दवा लेने से लेकर इलाज के लिए खडे़ रहकर इंतजार करना पड़ता है। लंबे समय से पेंशनर इसकी मांग कर रहे है कि उनके लिए अलग एक काउंटर बना दिया जाए, लेकिन इस पर सुनवाई को अस्पताल प्रशासन तैयार नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं, दवा लेने के लिए भी वृद्ध पेंशनर धक्के खाने को मजबूर है। एक माह में यहां करीब 500 से अधिक पेंशनर इलाज को आते है।
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विशेषज्ञ के पद रिक्त पडे़
अस्पताल में लंबे समय से प्रमुख सर्जन सहित कई विशेषज्ञों के पद रिक्त पडे़ हुए है। जनरल सर्जन, बच्चों के चिकित्सक आदि विशेषज्ञों के पद लंबे समय से रिक्त है। इसके अलावा दवा देने के लिए भी एक ही कर्मचारी नियुक्त रहता है।
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हम आंदोलन करेंगे

इस मामले में हमने कई बार आवाज उठाई है। अब हमने तय किया है की जल्दी ही पेंशनरों की उपेक्षा के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
– प्रकाशचंद्र व्यास, अध्यक्ष सेंट्रल पेंशनर्स एसोसिएशन
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विशेषज्ञ का अभाव है

यह सही है कि लंबे समय से रेलवे अस्पताल को सोनोग्राफी मशीन चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट की जरुरत अनुसार पुर्ति नहीं हो पा रही है। इसके लिए कई बार हमने विज्ञापन भी निकाला। जहां तक विशेषज्ञों की कमी है तो वो सभी स्थान पर भरने का कार्य चल रहा है, हमारा प्रयास रहेगा जल्दी विशेषज्ञ की कमी को पूरा किया जाए।
– डॉ. एके मालवीय, अस्पताल अधीक्षक, रेलवे अस्पताल

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