अगर आप इंदौर या महू से रतलाम होते हुए मंदसौर या नीमच के रास्ते चित्तौडग़ढ़, जयपुर, उदयपुर, जाते है तो यह क्यूट्रैक आता है। इस क्यूट्रैक का निर्माण रेलवे ने वर्ष 2008 में नीमच-रतलाम-इंदौर-महू रेल मार्ग के आमान परिवर्तन के दौरान किया था। तब से अब तक जितनी बार यात्री ट्रेन में यात्रा करते है इस क्यूट्रैक को देखते है। यहां पर रेलवे ने महू-इंदौर के रास्ते नीमच तक विद्युतिकरण कार्य को कर दिया है। इसलिए अब सिर्फ 4 किमी लंबे क्यूट्रैक पर विद्युतिकरण कार्य होना रह गया है। रेलवे के अनुसार इस कार्य को भी दिसंबर के पूर्व कर लिया जाएगा।
रेलवे के अनुसार क्यूट्रैक पर विद्युतिकरण कार्य दिसंबर में पूरा होगा। इसके अलावा नीमच से चित्तौडग़ढ़ तक विद्युतिकरण कार्य को भी रेलवे ने जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य लिया है। इसके बाद महू-इंदौर के रास्ते रेलवे जयपुर, उदयपुर व नई दिल्ली तक अनेक यात्री ट्रेन चलाएगा। इसके अलावा जो साप्ताहिक ट्रेन इंदौर व महू आकर समाप्त होती है उनको रेलवे की योजना मंडल के चित्तौडग़ढ़ स्टेशन तक बढ़ाने की है। रेलवे को इन ट्रेन के रखरखाव को लेकर परेशानी भी नहीं होगी, क्योंकि शंभुपूरा में रेलवे ने रखरखाव के लिए कर्मचारी नियुक्त कर दिए है।