रतलाम. रिडेंसीफिकेशन के तहत जिला अस्पताल परिसर में बनाए जा रहे नए भवन के साथ ही पोस्टमार्टम कक्ष को भी नया बनाया जाना है। रविवार को जिला अस्पताल के पीएम कक्ष याने की पोस्टमार्टम कक्ष पर ताला लगा दिया गया था। दावा किया गया था कि जरूरत होने पर मेडिकल कॉलेज में पीएम कराया जाएगा। पहले ही दिन व्यवस्था बे पटरी नजर आई। अब तक दो शव की दुर्गती काफी देर तक होती रही, क्योंकि पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज से कोई वाहन आया ही नहीं। बाद में नगर निगम के वाहन से शव को भेजा गया।
हर बार होगा ऐसा असल में जिला अस्पताल में किसी दुर्घटना के तुरंत बाद लाए जाने या मौत हो जाने पर मृतकों को जिला अस्पताल से करीब पांच किमी दूर मेडिकल कॉलेज ही ले जाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल में मृत हुए व्यक्ति के परिजनों को होगी, क्योंकि उन्हें शव को मेडिकल कॉलेज ले जाना पड़ेगा। वहीं से शव भी लेना पड़ेगा।
ये हुआ सोमवार को जिला चिकित्सालय में झारखंड के एक मरीज को भर्ती किया गया था, जिसकी मृत्यु रविवार रात हो गई थी। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया विष्णु शर्मा उम्र 40 वर्ष निवासी झारखंड को २६ नवंबर को नामली अस्पताल से जिला चिकित्सालय भेजा गया था। इसे कोविड आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। २७ नवंबर की रात करीब 11.30 बजे मृत्यु हो गई। इसी प्रकार सोमवार शाम को करीब 5 बजे एक महिला की मृत्यु जहर खाने से हुई, लेकिन शव को मंगलवार को पीएम के लिए रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
एक कमरे में शव रहा बंद विष्णु के शव को रविवार रात से जिला चिकित्सालय के एक कमरे में बंद रखा गया। पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं जिला चिकित्सालय मेें बंद होने के बाद किसी चिकित्सक ने शव का पीएम नहीं किया। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज शव भेजने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं रही।
हमारी ही जिम्मेदारी जिला चिकित्सालय में किसी की मृत्यु होती है तो शव को पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजने की जिम्मेदारी फिलहाल हमारी ही है। सोमवार को एक शव को भेजने में देरी तकनीकी कारण से हुई, आगे ध्यान रखा जाएगा। – डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय