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रतलाम में कलेक्टर एक माह में तीसरी बार नाराज, जाने क्या है इनके गुस्से का कारण

आखिर साहब को इतना गुस्सा क्यों आता है।

रतलामJan 17, 2022 / 07:11 pm

Ashish Pathak

Ratlam Collector

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रतलाम. मध्यप्रदेश में रतलाम कलेक्टर एक माह में तीसरी बार अपने ही माहतमों पर नाराज हुए है। सबसे पहले बैठक में रतलाम कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी थी, इसके बाद दूसरी बैठक में रतलाम कलेक्टर ने पीएचई के अधिकारियों को फटकारा था, अब तीसरी बार जब बैठक हुई तो फूड व ड्रग इंस्पेक्टर पर नाराज हो गए। अब माहतम ही सवाल करने लगे है कि आखिर साहब को इतना गुस्सा क्यों आता है।
जिले में मिलावटखोरी की शिकायतें आ रही हैं। मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो। छोटी-मोटी इस हंसी मजाक वाली सेंपलिंग से कोई लाभ नहीं। समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर जमरा से सख्त नाराज रहे। इस दौरान अपर कलेक्टर एमएल आर्य ने भी कहा कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर्स द्वारा जिले में जो कार्रवाई की जा रही है वह प्रभावी नहीं है। इनके द्वारा छोटी दुकानों के प्रकरण बनाए जाते हैं, बड़े दुकानदारों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाता है। प्रकरण ऐसे बनाए जाते हैं जिसमें बहुत ज्यादा जुर्माना नहीं लगता है। अपर कलेक्टर ने बताया कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ही छोटी दुकानों पर प्रकरण बनाए जाते हैं, सैंपल लिए जाते हैं। शहरी क्षेत्र में इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि आगे से मिलावट के संबंध में कोई शिकायत आएगी तो जमरा निलंबित कर दिए जाएंगे। जमरा को निर्देशित किया कि उनके द्वारा विगत दो माह में क्या काम किया गया है, नोटशीट पर लाकर बताएं।
कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राशन के मामले में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं करें। सभी एसडीएम से कहा कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट क्यों नहीं आ रही है। निर्देशित किया कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक माह की तय समय सीमा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर कार्यपालन यंत्री पीएचई से खिन्न नजर आए। कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई भी नल-जल योजना बंद मिली तो संबंधित एसडीओ पीएचई सस्पेंड किया जाएगा।
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624 आंगनवाड़ियां गोद

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा ने बताया कि जिले में 624 आंगनवाड़ियां गोद ले ली गई है। अधिकतर आंगनवाड़ी अधिकारियों द्वारा गोद ली गई है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गोद लेने वाले अधिकारियों को जानकारी देवें कि सुधार के लिए आंगनवाड़ियों में क्या किया जाना है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी कलेक्टर ने की। आगामी 20 जनवरी तक सभी विभागों को अपेक्षित कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि यदि जिले की रैंकिंग खराब होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उक्त जिम्मेदार विभागों में कृषि, ऊर्जा, नगर निगम, पीएचई, शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण तथा राजस्व विभाग शामिल है जिनके परफारमेंस पर जिले की रैकिंग निर्भर करेंगी।
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