सैलाना जनपद में सबसे अधिक 50 किचनशेड का निर्माण रुपए लेकर अब तक नहीं हुआ। इसके लिए प्रत्येक किचनशेड के लिए 60 – 60 हजार रुपए के मान से 30 लाख रुपए की मंजूरी हुई थी। सैलाना मंे निर्माण कार्य नहीं करने पर 2004 – 2005 से लेकर 2014 – 2015 तक जो सीईओ रहे इनके बारे में जानकारी मांगी गई है। अब जिला पंचायत शासन को पत्र लिखकर नामजद सूचना देगा। नामली नगर परिषद ने 2.40 लाख रुपए लिए लेकिन 4 किचन शेड नहीं बनाए तो आलोट नगर परिषद ने 3 लाख रुपए तो ले लिए लेकिन 5 किचनशेड का काम शुरू ही नहीं किया। अब नामली व आलोट के बारे में भी जानकारी जिला पंचायत ने मांगी है। यहां पूर्व में पदस्थ रहे अधिकारियों के नाम शासन को भेजे जाएंगे।
जिला पंचायत सीईओ ने बैठक में दो दिन का समय रुपए जमा करने को कहा था, लेकिन शुक्रवार तक नामली, आलोट व सैलना से किचनशेड का रुपया जमा नहीं हुआ। जनपद व अन्य संस्था जिला पंचायत से अधिकृत पत्र का इंतजार कर रही है।
बैठक में साफ बता दिया गया था कि काम नहीं किया है तो शासन के रुपए वापस जमा किए जाए। तय समय सीमा तक रुपए जमा नहीं होने पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
– संदीप केरकेट्टा, सीईओ जिला पंचायत