गार्ड व चालक को जो पेट मिलती है इसको ही लाइन बॉक्स कहते है। इसके अंदर हरी लाल झंडी, टॉर्च के अलावा संरक्षा के नियम की कीताब रहती है। सबसे महत्वपूर्ण वस्तु जो रहती है वो होता है डेटोनेटर की छड़े। आपात स्थिति में इन छड़ों का उपयोग होता है। इसकी वजह से ही गार्ड व चालक विरोध कर रहे है।
गार्ड एसोसिएशन के चंपालाल गिडवानी, केसी गोयल आदि ने बताया कि संरक्षा के लिए डेटोनेटर की छड़ दी जाती है। इन छड़ को घर ले जाना होगा। जो बॉक्स या बैग को अपनी पीठ पर टांगकर ड्यूटी के लिए ले जाना व वापस लाना होगा। कई घर में छोटे बच्चे है उनको या परिवार को ध्यान नहीं रहा व कोई हादसा हुआ तो जवाबदेह कौन रहेगा। इसके चलते ही विरोध शुरू हो गया है।
रेल मंडल में इसको लागू करवाने के लिए यूनियन व मजदूर संघ सहित अन्य संगठन के पदाधिकारियों के साथ सांमजस्य बनाने के लिए व विरोध के स्वर उठे उसके पहले ही शांत करने के लिए बैठक का आयोजन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बताया जाता है कि परिचालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को जवाबदेही दी गई है।
लाइन बॉक्स को समाप्त करने के मामले में हमारा विरोध शुरू से रहा है। इसका विरोध करते हुए हमारा पक्ष बैठक में बताया जाएगा।
– बीके गर्ग, मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ
प्रशासन द्वारा बुलाई जाने वाली बैठक के पूर्व सभी का पक्ष जाना जाएगा। जहां तक विरोध की बात हैै तो हमारे संगठन का शुरू से ही इस मामले में विरोध रहा है।
– मनोहर बारोठ, मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन