रतलाम। पश्चिम रेलवे का रतलाम रेल मंडल वर्ष 2016 में मिली सुविधाओं व सिंहस्थ के बडे़ आयोजन के साथ ही मंडल व मंडल के बाहर हुई ट्रेन दुर्घटनाओं के लिए भी याद किया जाएगा। देश की सबसे वीआईपी ट्रेन राजधानी के इंजन का पटरी से उतरने की घटना ने रेलवे बोर्ड को हिलाया तो मंडल की इंदौर-पटना ट्रेन की दुर्घटना ने देशभर में रेलवे की साख को बट्टा लगाया। मंडल को कुछ मामलों में योजनाओं की मंजूरी तो मिली, लेकिन वे गति नहीं पकड़ पाई। मंडल में सिंहस्थ के आयोजन की व्यवस्थाओं को छोड़ उपलब्धि के नाम पर बताने के लिए कुछ खास नहीं है।
जनवरी
रेलवे ने विभागीय परीक्षा को हिंदी व अंगे्रजी में करने के साथ ही 13 अन्य भाषा में करने का निर्णय लिया। रेलवे ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के आयोजन की तैयारी शुरू की थी।
फरवरी
रेलवे ने विभागीय परीक्षा को हिंदी व अंगे्रजी में करने के साथ ही 13 अन्य भाषा में करने का निर्णय लिया। रेलवे ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के आयोजन की तैयारी शुरू की थी।1 फरवरी को रतलाम से मेघनगर के बीच कोयले से भरी हुई मालगाड़ी के कपलिंग टूट गए। इसके बाद गाड़ी का आधा हिस्सा रोलबैक हुआ। तब स्पीड से पीछे जाती मालगाड़ी में आपात ब्रेक न लगाए जाते तो मालगाड़ी के डिब्बे पलट सकते थे। 13 फरवरी को बांगरोद में लूप लाइन में मालगाड़ी के 4 डिब्बे बे पटरी हो गए। इस घटना की जांच पश्चिम रेलवे के सुरक्षा आयुक्त कर रहे थे। 17 फरवरी को मेघनगर सेक्शन में कंटेनर के पांच डिब्बे बे पटरी हो गए। 22 फरवरी को नागदा में रेलवे लाइन पर ट्रैक्टर पलटी खाया व आरपीएफ ने प्रकरण दर्ज किया।
मार्च
सिंहस्थ आयोजन के लिए 9 मार्च को डेमू की पहली ट्रेन आई। 11 मार्च को मंडल में एसएमएस से ट्रेन में सफाई की योजना की शुरुआत हुई। 16 मार्च को रेलवे ने एक कॉल पर यात्री को सीट पर खाना देने की योजना शुरू की। 18 मार्च को मालगाड़ी की कपलिंग खुलने के बाद 24 डिब्बे छूट गए थे। इस कारण से रेल यातायात बाधित हुआ पर कोई हताहत नहीं हुआ। 20 मार्च को रेलवे ने ऑनलाइन टिकट में दिव्यांग को घर बैठे टिकट बुकिंग की सुविधा दी। 25 मार्च को रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए राजधानी व अगस्त क्रांति ट्रेन से पैंट्रीकार का डिब्बा हटाने का निर्णय लिया।
अप्रैल
13 अप्रैल को निर्णय लिया गया कि सिंहस्थ में 11 दिन तक 78 फेरों की डेमू को चलाया जाएगा। ब्रिज विभाग के सेक्शन इंजीनियर को रिश्वत लेते सीबीआई ने गिरफ्तार किया। ओखा-नाथद्वारा ट्रेन रात को कचनारा के पास मानव रहित फाटक पर गैस सिलेंडर से भरे ट्रक से टकराई, जिससे इंजन में आग लग गई, हादसे में चालक व सहायक दोनों घायल हुए।
मई
5 मई को मंडल मुख्यालय में मालगाड़ी का कपलिंग जोड़ते समय शहर के गांधीनगर निवासी पाइंटमैन की मौत हो गई। – एक मालगाड़ी को यूपी में पानी के साथ भेजने का निर्णय हुआ था, जिस पर राजनीति गरमा गई थी। ट्रेन को पानी लेने जाना था, लेकिन ये खाली गई थी। बाद में यूपी का पानी यहां लेकर लौटी। 10 मई को वेतन नहीं मिलने पर मंडल में 7 ट्रेन को रोका गया था।
जून
7 जून को दाहोद-गोधरा सेक्शन में ट्रैक पर वॉल गिरी। इससे रेल यातायात बाधित रहा। 13 जून को बांद्रा-कटरा ट्रेन की पैंट्रीकार में गैस रिसाव की घटना हुई। 18 को अवंतिका सुपरफास्ट ट्रेन में यात्रियों में सीट पर बैठने की बात को लेकर मारपीट हुई। 28 जून को क्यूट्रैक पर 300 टन के इंजन के साथ परीक्षण किया गया।
जुलाई
डाउन लाइन पर राजधानी सहित 14 यात्री ट्रेन काफी देरी से पहुंची। 4 जुलाई को रेलवे पुलिया धंसने से मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग करीब 7 घ्ंाटे बंद रहा। 10 जुलाई को प्लेटफॉर्म नंबर 2 के करीब टिकट लेकर बैठे यात्री के सिर पर प्लास्टर उखड़कर गिर गया। 20 जुलाई को यात्री ट्रेन में धुआं निकलने के बाद जंजीर खींची गई। दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर टैल्गो ट्रेन का ट्रायल करने का निर्णय लिया गया था। एक बार ट्रायल में 9 करोड़ रुपए का व्यय किया गया।
अगस्त
2 अगस्त को मंडल में 130 की स्पीड से पहली बार टैल्गो ट्रेन निकली थी। मेघनगर सेक्शन में केबल में आग लगने से रेल यातायात 17 अगस्त को बाधित हुआ।
सितंबर
6 सितम्बर को यात्रियों के बीच बैठने की बात को लेकर जम्मूतवी ट्रेन में विवाद हुआ। 12 सितंबर को इसी जम्मूतवी के व्हील में धुआं निकलने के बाद ट्रेन को रोलबैक किया गया। 16 सितंबर को रेलवे ने राजधानी ट्रेन का ठहराव नागदा स्टेशन पर करने का निर्णय लिया।
अक्टूबर
1 अक्टूबर को मुंबई देहरादून ट्रेन में चाय पीने के बाद महिला यात्री बेहोश हो गई। 13 अक्टूबर को नीमच सेक्शन में ट्रेन में कपलिंग खुलने के बाद ट्रेन देरी से चली। 15 अक्टूबर को जनता एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर बे पटरी हुआ। 16 अक्टूबर उसी जगह पर मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन का इंजन भी बे पटरी हो गया। इसके बाद रेलवे में मुंबई से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया था। इस घटना की जांच के बाद अधिकारी को दो दिन के लिए निलंबित किया गया था।
नवंबर
16 नवंबर को कोटा से रतलाम के लिए चली जनता एक्सप्रेस ट्रेन के दोनों चालकों की नींद लगने का मामला प्रकाश में आया, इसमें चालक दल को निलंबित किया गया। 20 नवंबर को जहां महू सेक्शन में इंजन बे पटरी हुआ, मेघनगर सेक्शन में मालगाड़ी रोलबैक हुई व गार्ड का डिब्बा बे पटरी हो गया था।
दिसंबर
3 दिसंबर को रेलवे के सफाई कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने पर हड़ताल कर दी। आगरा फोर्ट का इंजन एक मालगाड़ी से मानव रहित रेल फाटक पर एक वाहन से टकरा गया। 12 दिसंबर को सुभाष नगर में इंजन हांफ गया व एक घंटे जाम रहा।
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