फेडरेशन अप्रैल में तमाम रेल संगठनों, केंद्रीय संगठनों, राज्य संगठनों एवं अन्य संगठनों से चर्चा कर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का माहौल तैयार करेगी। रेलवे बोर्ड ने 100 वर्ष पुराने रेलवे बोर्ड ढांचे को कम करने का काम किया है।
रतलाम. फेडरेशन अप्रैल में तमाम रेल संगठनों, केंद्रीय संगठनों, राज्य संगठनों एवं अन्य संगठनों से चर्चा कर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का माहौल तैयार करेगी। रेलवे बोर्ड ने 100 वर्ष पुराने रेलवे बोर्ड ढांचे को कम करने का काम किया है। यह बात वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन महामंत्री जेआर भोसले ने डीआरएम कार्यालय पर शुक्रवार को कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही।
रतलाम में आकाशवाणी देगा FM की सौगात रेलवे में निजीकरण, विलयीकरण सहित ५१ सूत्रीय मुद्दों पर आंदोलन युनियन कर रही है। भोसले ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में रेलवे में 75 प्रतिशत युवा नई पेंशन योजना के अंतर्गत आएंगे। यही सही समय है जब युवा एकजुटता के साथ इस निर्णय के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध करे। कार्यदक्षता रेलकर्मियों के परिश्रम से बढ़ती है और रेलवे बोर्ड रेल तंत्र को निजीकरण की ओर धकेल रहा है तथा रेल कर्मियों के अधिकारों की अनदेखी कर रहा है।
रेल कर्मचारी उपस्थित प्रदर्शन को मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा, मंडल मंत्री श्यामबाबू श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष सीमा कौशिक, दाहोद कारखाना के सचिव संजय कपूर, सहायक महामंत्री नरेंद्रङ्क्षसह सोलंकी, डीआरएम ब्रांच अध्यक्ष अशोक तिवारी, युवा समिति अध्यक्ष गौरव सांगते, सचिव दीक्षांत पंड्या सहित बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी उपस्थित थे।
देखें VIDEO साल के पहले ही दिन सूर्य अवकाश पर, हर जगह कोहराश्रम कानून के कानून के विरुद्ध देश में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद श्रम संगठनों के साथ कोई भी लेबर क्रॉन्फ्रेंस ना होना श्रम कानून के कानून के विरुद्ध है। इस तरह सरकार बिना श्रम संगठनों के विचार विमर्श किए देश में बनाए गए 44 श्रम प्रावधानों को परिवर्तित कर 4 श्रम कानून बनाने जा रही हैं। यह बात वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन महामंत्री जेआर भोसले ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए की।
VIDEO मध्यप्रदेश में दर्दनाक हादसा, तीन की जलकर मौतसरकार मजदूर विरोधी महामंत्री भोसले ने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी, जनविरोधी एवं श्रम विरोधी कार्रवाई कर श्रम संगठनों को समाप्त कर एक राष्ट्रीय संगठन बनाने पर विचार कर रहा है। श्रम संगठनों को अब विचार करना होगा कि सरकार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाहती है, हमें एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। इसके लिए 8 जनवरी को देश के 10 केंद्रीय संगठन जिसमें अनेकों छात्र संगठन, किसान संगठन, राज्य संगठन इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन का हड़ताल को नैतिक समर्थन है, लेकिन हिंद मजदूर सभा जो फेडरेशन से संबंध है उसकी भागीदारी है।
चंद्रग्रहण 2020 : भूलकर मत करना यह 5 काम, यह 2 तो बिल्कुल मत करनारेलवे बोर्ड का विखंडन गलत भोसले ने कहा कि रेलवे बोर्ड में गठित रेल संगठन को सरकार ने विखंडन कर रेलवे को और आर्थिक हानी की ओर कदम बढ़ाया है। इस प्रकार के निर्णय से रेलवे की तरक्की नहीं की जा सकती। रेलवे की तरक्की, रेल कर्मियों की कार्य दक्षता का परिणाम है ना की राजनीतिक निर्णय जो रेलवे को आर्थिक हानि की ओर ले जा रहे हैं। रेलवे का विकास तभी संभव है जब रेल कर्मियों को उनके अधिकारों, एवं मूलभूत तथा आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाए। जापान एवं अन्य अन्य देशों ने जिन्होंने रेलवे का निजीकरण किया है वह आज दिवालिया की कगार पर है, परंतु रेलवे का 100 वर्ष पुराना रेल तंत्र आज भी रेल कर्मियों की कार्य दक्षता के कारण लाभ की ओर अग्रसर है।