पहले रतलाम से मंदसौर के बीच दो डेमू ट्रेन चलती थी, अब 24 घंटे में सिर्फ एक ट्रेन शाम को 6.30 बजे चलती है। बड़ी बात ये है कि, यात्रियों की पीड़ा को समझकर रेल मंडल ने ट्रेन नंबर 79303/79304 रतलाम – चित्तौड़गढ़ डेमू ट्रेन को चलाने का प्रस्ताव 27 जुलाई को पत्र क्रमांक C-436/2 से भेजा, लेकिन अबतक इसको इच्छा शक्ति के अभाव में चलवाने में हमारे होनहार अधिकारी सफल नहीं हो पाए हैं।
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सैकेंड सिटिंग के लगते इतने रुपए
बस से यात्रा करना बनी मजबूरी
असल में रतलाम से मंदसौर के बीच पूर्व में सुबह 10 बजे के अलावा शाम को 6.30 बजे डेमू ट्रेन थी। शाम की ट्रेन तो अब भी चल रही है, लेकिन सुबह की ट्रेन का प्रस्ताव जुलाई में भेजा जो अब तक मंजूर नहीं हो पाया। ऐसे में यात्रियों को अन्य ट्रेन की सुविधा नहीं होने से बस से यात्रा करने की मजबूरी है। उदाहरण के लिए सुबह 6.30 बजे जो इंदौर – जोधपुर ट्रेन रतलाम से चलती है, वो मंदसौर तो रुकती है, लेकिन रास्ते के छोटे स्टेशन पर ठहराव नहीं करती। ऐसे में सुबह अपडाउनर्स को बस से यात्रा की मजबूरी है।
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बस ऑपरेटर्स को लाभ पहुंचा रहे
रेलवे एक्टिविस्ट प्रमोद भंडारी का कहा है कि, ‘कभी-कभी लगता है कि, ट्रेन को जान करके नहीं चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य बस ऑपरेटर्स को लाभ पहुंचाना नजर आता है। जुलाई में भेजे गए प्रस्ताव को अगर मंजूर नहीं करवा पाए तो फिर अन्य बड़ी योजनाओं को किस तरह समय पर पूरा किया जा सकेगा।
प्रस्ताव भेजा गया है
मंडल रेल प्रवक्ता खेमराज मीणा ने बताया कि, रेल मंडल ने रतलाम चित्तौड़गढ़ डेमू व रतलाम मथुरा मेमू का प्रस्ताव भेजा है। मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही इन ट्रेन को चलाया जाएगा।
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