शहर से शिवगढ़, माताजी, बाजना, पाटन, खवासा, बासिंद्रा तक चलने वाली बस में चालक और परिचालक नियमों के विरूद्ध सीट के अलावा गेट तक सवारी ठूंस-ठूंस कर भरी हुई थी, और सवारी बैठाने के चक्कर में 20-25 युवाओं को छत पर बैठा दिया, साथ ही सामान भी जमा रखा था। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही या चूक से कई लोगों की जान पर बन आएगी।
रतलाम बाजना बस स्टैंड से सागोद रोड की तरफ जा रही एक मैजिक में भी ठूंस ठूूंसकर सवार अंदर भरी हुई थी। इसमें पांच सवारी को पीछे गेट पर खड़़ा कर लटका कर ले जाया जा रहा था और सवारी के लालच में चालक ने सारे नियम ताक पर रखते हुए आठ युवाओं को छत के ऊपर बिठा लिया। ऐसे ही हाल ओवर लोड सवार भरकर ले जा रहे लोडिंग वाहनों के भी है, जो आम जनता की जान के साथ दिन-रात खिलवाड़ करते नजर आते हैंं, क्योंकि इन्हे कोई-रोकने टोकने वाला या सख्ती से नियम समझाने वाला न तो आज तक अधिकारी मिला और ना ही इन्हे लगता है नियम समझाए गए।
हादसे में मौत के बाद परिवहन विभाग और पुलिस की ओर से सैलाना-बोदिना क्षेत्र में संयुक्त कार्रवाई दो दिन से की जाकर नियमानुसार सवारी बैठाने के साथ ही 15 वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई करते हुए 7500 रुपए की रसीदें काटी।