बता दें कि, प्याज के दामों में इतनी अधिक गिरावट इसलिए आई है क्योंकि, पिछले एक सप्ताह से रोजाना दो-तीनसौ ट्रॉली नई प्याज मंडी में आ रही है, जिसके चलते एक सप्ताह से लगातार प्याज के दाम में गिरावट आ रही है। हल्की और मध्यम गुणवत्ता की प्याज का तो मानों कोई खरीदार ही नहीं है। प्याज का न्यूनतम मूल्य 100 क्विंटल तक लगाया जा रहा है। वहीं, रतलाम से बाहर प्रदेश के अधिकतर जिलों में प्याज के थोक रेट 20 से 25 रुपए प्रति किलो हैं।
यह भी पढ़ें- नशे में धुत पुलिस कर्मी का सड़क पर हंगामा, वीडियो बना रहे शख्स से फोन छीनकर दी धमकी
लागत नहीं निकल रही, मंडी में ही फसल छोड़कर जा रहे किसान
अपनी प्याज की फसल लेकर मंडी पहुंच रहे अधिकतर किसान औने पौने दाम में पूरी फसल बेचने को मजबूर हैं। कई किसान तो फसल न बिक पाने की वजह से उसे मंडी में ही छोड़कर जाने को मजबूर हैं। मौसम खराब होने से किसानों को कृषि मंडी में दोहरी मार भी सहना पड़ रही है। बारिश की आशंका से खुले में पड़ा प्याज खराब होने की चिंता भी किसानों को सता रही है। वहीं, प्याज की खेती करने वाले किसान गिरी हुई कीमतों की वजह से लागत मूल्य भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में तैयार माल को वापस लाने में उनके ऊपर इसका और अधिक भार आ जाएगा, जिसकी कीमत मिल पाना संभव नहीं। ऐसे में किसान क्विंटलों से प्याज मंडी में छोड़कर जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- सांप के खेल ने ली जान, रसेल वाइपर के काटने से युवक की मौत
100 कि.मी दूर से आए, भाड़ा और मजदूरी तक नहीं निकली
विक्रमगढ़ आलोट से रतलाम कृषि उपज मंडी में प्याज की फसल लेकर पहुंचे किसान सुंदर सिंह के अनुसार, 100 किलोमीटर दूर से ट्रैक्टर ट्रॉली का भाड़ा लगाकर मंगलवार रात में रतलाम मंडी में फसल बेचने आए थे। आज नीलामी में उनकी फसल 320 प्रति क्विंटल ही बिकी। जिससे उनके आने जाने का भाड़ा और मजदूरी तक नहीं निकल सकी। वहीं, बरबोदना से आए एक अन्य किसान अपनी फसल न बिकने पर पशुओं को खिलाने के लिए प्याज की ट्रॉली वापस लेकर चले गए। कुछ किसान प्याज का उचित मूल्य न मिलने के चलते उसे मंडी में ही छोड़ गए।
सांप के डंसने का Live Video