नीमच. गरीबों की रोटी में लगातार कटौती हो रही है। राशन दुकानों पर पहले गेहूं की मात्रा कमी कर दी। अब उपभोक्ताओं को समय पर राशन नहीं मिल रहा। किसी को 2 माह से गेहूं नहीं मिला तो किसी को 3 माह से शकर नहीं मिली। हर बार उपभोक्ता राशन दुकान से मुंह लटकाकर लौट आता है। यह हाल ग्रामीण नहीं शहरी क्षेत्र के है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में राशन का वितरण किस तरह हो रहा होगा, इसका अंदाजा लगा सकते है।
जिले में 308 शासकीय उचित मूल्य की दुकान है। 1 लाख 46 हजार 256 परिवार है। जो सरकार से राशन का लाभ लेते है। इन परिवारों में 5 लाख 84 हजार 109 उपभोक्ता है। जिन्हें निश्चित मात्रा में राशन मिलता है। कहने को सरकार जिले के करीब 6 लाख उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर राशन उपलब्ध कराती है, लेकिन धरातल कितने लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। इसका आंकलन नहीं होता है। न ही राशन वितरण व्यवस्था की निगरानी होती है। नतीजतन राशन दुकान संचालक सर्वर डाउन तथा आवंटन नहीं आने का बहाना बनाकर उपभोक्ताओं से बार-बार चक्कर लगवाते है। धीरे-धीरे गरीबों की रोटी में कटौती होती जा रही है।
पहले गेहूं की मात्रा घटाई करीब 1 साल पहले गरीबों को मिलने वाले राशन से सरकार ने अचानक गेहूं की मात्रा घटा दी। प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री अन्न योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले गेहूं में कटौती करते हुए चालव की मात्रा बढ़ा दी। 1 साल पहले तक प्रत्येक सदस्य को 4 किलो गेहूं तथा 1 किलो चावल मिलता था। कटौती के बाद अब प्रति सदस्य 3 किलो गेहूं व 2 किलो चावल मिल रहा है।
मालवा में चावल शौकिया तौर पर खाते मालवा क्षेत्र में लोगों का मुख्य आहार ही गेहूं से बनने वाली रोटी है। चावल तो यहां शौकियाना तौर पर खाए जाते है। ऐसे में हर बार सीधे तौर पर गरीबों की रोटी में कटौती की जा रही है। जिले में 1 लाख 46 हजार 256 परिवार है। इनमें 5 लाख 84 हजार 109 सदस्य है। इन प्रत्येक सदस्य के हिस्से से 1 किलो गेहूं कम कर दिया है। इस तरह 5 हजार अधिक क्विंटल गेहूं जिले से कम कर दिए।
फैक्ट फाइल ब्लॉक दुकान संख्या परिवार उपभोक्ता नीमच 98 47161 185344 जावद 94 46899 187998 मनसा 116 52196 210767 कुल योग 308 146256 584109 फिर भी नहीं मिली शकर
पिछले तीन माह से राशन की दुकान से शकर नहीं मिली। 10 बार चक्कर लगा लिए। हर बार एक-दो दिन की बोलकर दुकानदार टाल देता है। न शकर देने से मना करते है, न ही शकर देते है। सिर्फ एक-दो दिन बोलकर चक्कर लगवाते है। कोई नहीं सुनता।
ममता यादव, नीमच सिटी, यादव मंडी।परिवहन में देरी हो सकती आवंटन में तो देर नहीं हो रही। हो सकता है परिवहन की ओर से देरी हो रही हो, क्योंकि प्रदाय केंद्रों पर अन्य जिलों से गेहूं व चावला का परिवहन होता है। गेहूं जिले में नहीं है बाहर से मंगवा रहे है। सिहोर व अन्य जिलों से मंगवा रहे है। इसी तरह चावल भी रीवा व सतना से मंगवा रहे है। गेहूं की मात्रा तो एक साल पहले कम हुई थी, वो भी शासन स्तर से।
आरएन दिवाकर, खाद्य आपूर्ति अधिकारी, नीमच। IMAGE CREDIT: patrika
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