अखबार से कोरोना वायरस जैसा रोग नहीं फैलता है। इसके चार कारण हैं। पहला यह कि अखबार जब प्रिंट होकर निकलता हैं तब वह सैनेटाइज होकर निकलता है। दूसरा जब अखबार वितरण के लिए बाहर जाता है तब से दूसरी बार सैनेटाइज किया जाता है तीसरा अखबार के कागज में ऐसा कोई तत्व नहीं होता है जो कोरोना वायरस का मित्र हो। चौथा पिछले तीन माहों से कई डॉक्टर व विशेषज्ञ अखबार से कोरोना नहीं फैलने के बारे में अपना मत दे चुके हैं। दरअसल, अफवाहों के चलते भी यह धारणा मनोवैज्ञानिक रूप से कुछ लोगों के मन में घर कर गई है कि अखबार का कोरोना से संबंध है। सच तो यह है कि अखबार ही वह माध्यम है जो कोरोना से बचाव के उपाय बताता है और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है।
– अ•ाहर हाशमी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिंतक, रतलाम
वैज्ञानिक या चिकित्सक अब तक यह प्रामाणिक नहीं कर पाए है कि अखबार खरीदने या पढऩे से कोरोना होता है, इसलिए यह कोरी अफवाह मात्र है कि अखबार इसलिए बंद किए जाए की इससे कोरोना होता है। भारत में आज भी पिं्रट मीडिया की विश्वसनियता है व कोरोना कॉल में सबसे बेहतर भूमिका इस मीडिया की जागरुकता के मामले में रही है। अखबार पूरी तरह से सैनेटाइज होकर आ रहे है, साथ ही अध्ययनों से भी पता चला है कि इसके कागज पर कोरोना वायरस नहीं ठहरता है।
– डॉ. राजेश शर्मा, आईएमए अध्यक्ष, रतलाम
यह काफी हास्यास्पद है कि कोई यह कहे की अखबार से कोरोना होता है। ऐसा होता तो अब तक केंद्र सरकार कठोर कदम उठाकर इसको कुछ दिन के लिए राष्ट्रहित में रोक लगाती। मीडिया इस समय कोरोना के संक्रमण को बढऩे से रोकने में उठाए गए कदम का बेहतर तरीके से प्रचार प्रसार कर रहा है। इसलिए यह गलत है कि अखबार लेने या पढऩे से कोरोना होता है, अब तक को किसी वैज्ञानिक स्तर पर भी इस तरह के तथ्य सामने नहीं आए है।
– सोमेश पालिवाल, भाजपा आईटी सेल प्रमुख रतलाम
हम वैज्ञानिक युग के विद्यार्थी है। इसलिए यह जब तक वैज्ञानिक रुप से सिद्ध नहीं हो कि अखबार लेने से कोरोना होता है, इस बात को नहीं मान सकते, यह निश्चित रुप से किसी ने अफवाह मात्र फैलाई है। मैं प्रतिदिन नियमित अखबार ले रहा हंू, इसे पढ़कर ही स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय समसामयिक घटनाओं की जानकारी मिलती है, अखबार से कोरोना वायरस फैलने की बात सिर्फ अफवाह है, मुझे तो इसमें सच्चाई नजर नहीं आती।
– आयुष राठौर, प्रदेश सचिव, एनएसयूआई रतलाम
अब तक यह प्रमाणित नहीं हुआ है की अखबार से कोरोना होता है, इसलिए अखबार तो घर में आ रहे है। मेरा मानना है कि अखबार से तो कोरोना से बचाव के लिए जो जरूरी है, वो जानकारी मिल रही है। इसलिए इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि कोई यह कहे की अखबार से कोरोना होता है, यह गलत है व अफवाह मात्र है, भरोसा नहीं कर सकते।
– इंदूसिंहा, डायरेक्टर जेसी बैंक रतलाम