स्कूलों में शिक्षा सत्र शुरू हुए करीब तीन माह से ज्यादा समय बीत चुका हैं। स्कूलों में तिमाही परीक्षाएं भी हो चुकी है और इनके परिणाम भी ऑनलाइन अपलोड हो गए हैं। स्कूलों में शैक्षणिक सत्र के कुछ ही महीने बचे हैं और फिर नए सिरे से अतिथि शिक्षक रखने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जिससे इतने कम समय में कैसे कोर्स का काम पूरा होगा यह सोचा जा सकता है।
– 11 अक्टूबर – स्कूल द्वारा पूर्व में पैनल उपलब्ध होने पर पैनल के अभ्यर्थी को अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने के इच्छुक अभ्यर्थी द्वारा आवेदन करना। पैनल उपलब्ध नहीं होने पर आवेदक द्वारा स्कोर कार्ड सहित आवेदन प्रस्तुत करना
– 12 अक्टूबर – मेरिट के क्रम में आवेदक को आमंत्रित करना।
– 14 अक्टूबर – आमंत्रित अतिथि शिक्षक द्वारा विद्यालय में ज्वाइनिंग एवं अध्यापन कार्य प्रारंभ करना।
– जिन संकुलों में कोई आवेदन ही नहीं आए वहां के लिए विभाग को फिलहाल कोई निर्देश भी विभाग की तरफ से जारी नहीं किए गए हैं कि वहां कैसे व्यवस्था करके पढ़ाई सुचारू की जा सके।
– पूर्व में जिन स्कूलों में विषय शिक्षकों के पोर्टल पर आवेदन ही नहीं आए वहां कैसे आवेदन की व्यवस्था होगी इसे लेकर भी कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं कि आवेदन कैसे होंगे।
– नियमित शिक्षकों के आने के बाद अतिथियों को हटा दिया गया। अब इन हटाए गए अतिथियों को दूसरे स्कूलों में कैसे रखा जाएगा क्योंकि उन्होंने जहां आवेदन किया था वहां से हट चुके हैं।
– गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय के अब भी विषयवार शिक्षक नहीं हैं। खासकर ग्रामीण अंचल के स्कूलों में तो इनकी सबसे ज्यादा कमी है। शहरी क्षेत्र में तो इतनी ज्यादा समस्या नहीं है।