Mahatma Gandhi In Ratlam Madhya Pradesh : आगामी 2 अक्टूबर 2019 को पूरा देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंति मनाएगा। यह बात कम को पता है कि 1931 में गांधी जी व देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रतलाम आए थे। यहां पर करीब 20 मिनट तक महात्मा गांधी ने रेलवे स्टेशन पर सभा की थी।
रतलाम। Mahatma Gandhi In Ratlam Madhya Pradesh : आगामी 2 अक्टूबर 2019 को पूरा देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंति मनाएगा। यह बात कम को पता है कि 1931 में गांधी जी व देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रतलाम आए थे। यहां पर करीब 20 मिनट तक महात्मा गांधी ने रेलवे स्टेशन पर सभा की थी। महात्मा गांधी को सुनने के लिए न सिर्फ रतलाम, बल्कि आसपास से भी हजारों लोग उमड़े थे। रतलाम रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी ने कहा था कि रतलाम पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगा, क्योंकि यहां के लोग मिलजुलकर रहते है।
MUST READ : बैंक हड़ताल : कामकाज रहेगा ठप, अभी करें जरूरी कामनेहरू जी ने किया था याद भाटी के अनुसार उनके पिता की डायरी में इस बात का उल्लेख है कि स्वतंत्रता आंदोलन में गुजरात व महाराष्ट्र जाते समय नर्द दिल्ली से जब महात्मा गांधी व पंडित नेहरू ट्रेन से निकले तो पूर्व सूचना के आधार पर काफी भीड़ हो गई। यहां तक की जब महात्मा गांधी अपने डिब्बे से बाहर आए तो भारत माता की जय के जमकर नारे लगाए गए। हालात ये हो गई की पंडित नेहरू को ये कहना पड़ा की महात्मा गांधी जी आप लोगों को महत्वपूर्ण बात कहना चाहते है। आप लोग इनकी बात पर ध्यान दों। इसके बाद भी नारें लगते रहे।
MUST READ : रतलाम के तीन युवक माही नदी में डूबे IMAGE CREDIT: Patrikaपिताजी से जब मिले महात्मा गांधी भाटी ने बताया कि बाद में रेलवे स्टेशन पर ही पङ्क्षडत नेहरू ने पिताजी को याद किया। हजारों की भीड़ में से पिताजी को बुलाया गया। इसके बाद पंडित नेहरू ने महात्मा गांधी जी से पिताजी को मिलवाया व रतलाम में चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में पूरी जानकारी ली। महात्मा गांधी ने साथियों के बारे में सवाल किया। इसके बाद रतलाम की सद्भावना की जमकर तारीफ महात्मा गांधी जी ने की। इतना ही नहीं, गांधी जी ने कई बार देश में इस बारे में बताया कि रतलाम सबसे बेहतर शहर है, यहां पर सभी मिलजुलकर रहते है।
MUST READ : एक रोटी के लिए 90 मिनट इंतजार IMAGE CREDIT: lali koshtaबाद में सुभाष भी आए थे रतलाम भाटी ने बताया कि करीब 20 मिनट तक ट्रेन स्टेशन पर रही, हालांकि पिताजी की डायरी में इस बात का उल्लेख नहीं है कि वो ट्रेन कौन सी थी, लेकिन महात्मा गांधी व पंडित नेहरू जी के बाद आंदोलन के बारे में जानकारी लेने के लिए सुभाषचंद्र बोस भी रतलाम आए थे। यहां पर पूरा दिन रहने के बाद उन्होंने प्रयास किया था कि उनको कुछ लड़के उनकी सेना के लिए मिल जाए। बता दे कि महात्मा गांधी ने कई बार रतलाम का उल्लेख अपने जीवन में किया है।