यह कानून राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 26 सितंबर 1947 को व्यक्त उन भावों को भी पूरा करने वाला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख, हर नजरिए से भारत आ सकते है, अगर वे वहां निवास नहीं करना चाहते है। उस स्थिति में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का कर्तव्य है। बैठक को शुरू में माधव काकानी ने संबोधित किया। संचालन व आभार प्रदर्शन मनोहर पोरवाल द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त जनसंगोष्ठियों का आयोजन भी किया गया जो कि 80 फ ीट रोड स्थित वैशाली गार्डन, गांधी नगर स्थित नूरी मेरीज गार्डन, हाथीखाना स्थित राजपूत धर्मशाला, वेदव्यास कॉलोनी स्थित सूरजहॉल में किया गया।