मंगलमहुडी-लिमखेड़ा स्टाशनों के मध्य सिंगल लाइन वर्किंग चालू कर संबंधित लोकेशन पर मरम्मत कार्य शुरू किया तथा रेल लाइन को को रात्रि 4 बजे फिट कर गति प्रतिबंध के साथ अप लाइन से ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया। जिस ट्रैक के नीचे से मिट्टी व गिट्टी बही थीं, वहां आसपास कटाव भी हो गया था। पटरी के नीचे का यह कटाव 5 से 6 फीट लंबा था। रात को सूचना मिलते ही रेलवे अमला हरकत में आया। रात 10 बजे दिल्ली-मुंबई रुट की अप लाइन को बंद करना पड़ा। रात 11 बजे रतलाम से इंजीनियरों व रेल कर्मचारियों की टीम रवाना हुई। आसपास के स्टेशनों से भी रेल कर्मचारियों को बुलाया। रातभर बारिश के बीच रेल कर्मचारियों ने काम करते हुए ट्रैक को दुरुस्त कर रेल मार्ग को सुचारू किया। रेलवे द्वारा ट्रैक पर लगातार नजर रखी जा रही है, जहां घटना हुई वहां दोनों तरफ पहाड़ है और कर्व भी है।
ऐसे मिली समय पर सूचना 24 अगस्त को ऑन ड्यूटी नाइट पेट्रोल मैन बाबू रात्रि लगभग 10 बजे तेज बारिश में भी मंगलमहूड़ी से लीमखेड़ा के मध्य अपनी ड्यूटी कर रहे थे। उसी दौरान मंगलमहूड़ी एवं लीमखेड़ा स्टेशनों के मध्य अप लाइन पर किमी 516/35 से 516/33 के बीच ट्रैक के नीचे से पानी के तेज बहाव के कारण गिट्टी के कटाव को देखा। इसे देखते ही इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों एवं कंट्रोल को दी। जानकारी मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक अन्य अधिकारियों के साथ प्रभावित स्थल की ओर रवाना हुए तथा कुछ अधिकारी रेलवे कंट्रोल ऑफिस से ट्रेनों के परिचालन कार्य को संभाला। इंजीनियरिंग, आपरेटिंग, सिगनल, टीआरडी, पावर एवं अन्य विभागों के अधिकारी युद्धस्तर पर ट्रैक मरम्मत एवं ट्रेनों के परिचालन कार्य में लगे। कुछ ही देर में यहां से इंदौर- मुंबई सेंट्रल अवंतिका एक्सप्रेस सहित अन्य कई ट्रेनें इस ट्रैक से गुजरने वाली थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए गोधरा की तरफ जाने वाली ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोका गया तथा मंडल रेल प्रबंधक के निर्देशन में मंगलमहूड़ी-लीमखेड़ा के मध्य सिंगल लाइन वर्किंग कार्यप्रणाली अपनाकर अप एवं डाउन दोनों दिशाओं की ट्रेनों को एक-एक कर निकाला गया।
इससे किया रखरखाव मानसून के दौरान इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार पत्थर के टूकड़ों, क्वेरी डस्ट, बोल्डर से भरी रेक को तुरंत प्रभावित स्थल की ओर रवाना किया गया। रात्रि में तेज बारिश के दौरान भी मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार कार्य कर लगभग पांच घंटे में ट्रैक को ठीक किया गया तथा अप लाइन से लगभग रात्रि 4.15 बजे से सतर्कता आदेश के साथ ट्रेनों का परिचालन पुन: शुरू हुआ। रात में कार्य के चलते 10 पैसेंजर समेत 15 ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ी। इनमें 5 गुड्स व 10 पैसेंजर ट्रेन शामिल थी।
पिछले साल भी गिट्टी-मिट्टी बही थी पिछले साल सितंबर माह में भारी बारिश के कारण रतलाम रेल मंडल के अमरगढ़-पंच पिपलिया स्टेशन के बीच पटरियों के नीचे की गिट्टी-मिट्टी बह गई थी। इससे दिल्ली-मुंबई रूट की अपलाइन 40 घंटे तक बंद रखना पड़ा। इसका असर 85 ट्रेनों पर पड़ा था। इसमें 19 ट्रेनों को निरस्त करना पड़ा था, तो 30 से ज्यादा को रास्ता बदलकर चलाया गया।