उच्च शिक्षा में यह बदलाव
विदेश शिक्षा में नाम और नियम बदले राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने होनहार छात्रों को सरकारी खर्चे पर विदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की। भाजपा सरकार ने योजना का नाम स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस कर दिया। वहीं, पहले जहां 500 छात्रों को विदेश भेजा जाता था अब 300 छात्रों को ही मौका दिया जा रहा है।
हकीकत : सरकार ने जिन छात्रों को विदेश शिक्षा के लिए भेजा हैं, उन्हें स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं दिया जा रहा। छात्र कर्जा लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों को रहने-खाने तक के पैसे नहीं दिए हैं।
पहले 300 खोले, अब मर्ज करने की तैयारी कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों में करीब 300 नए कॉलेज खोले। इन्हें सोसायटी पर संचालित किया गया। भाजपा सरकार इन कॉलेजों की समीक्षा के लिए कमेटी बना दी। अब 300 नए कॉलेजों में से 200 को मर्ज करने और सौ कॉलेज सरकार स्तर पर चलाने की तैयारी है।
हकीकत : प्रदेश में कई कॉलेजों के पास ना तो भवन हैं ना ही संसाधन ना ही शिक्षक। सरकारी कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई नहीं हो रही है। ऐसे में कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षक और मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है।
स्कूली शिक्षा में से बदलाव
सरकारों के साथ बदला साइकिल का रंग राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही स्कूली छात्राओं की साइकिल का रंग बदलता रहा है। कांग्रेस सरकार साइकिल का रंग काला करती है तो भाजपा सरकार भगवा रंग कर देती है। दूध की जगह मोटा अनाज की तैयारी कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री बोल गोपाल दूध योजना शुरू की थी। भाजपा सरकार ने योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना कर दिया। इसी के साथ भाजपा सरकार अब योजना के तहत दूध की जगह मोटा अनाज देने पर भी विचार कर रही है।
हिंदी-अंग्रेजी में फंसे महात्मा गांधी स्कूल कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले और वाहवाही लूटी। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को वापस हिंदी माध्यम में बदलने की तैयारी की। कई स्कूलों को रूपांतरित भी कर दिया गया है।
कपड़ा नहीं, यूनिफॉर्म देने की तैयारी कांग्रेस सरकार ने आठवीं तक के 68 लाख बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस का कपड़ा देने की योजना शुरू की। ड्रेस के कपड़े की राशि सीधे बच्चों के खाते में भिजवाने की व्यवस्था की। लेकिन भाजपा सरकार कपड़े की जगह यूनिफॉर्म ही बच्चों को देने की तैयारी कर रही है।
इन पर भी ध्यान दे सरकार
– सरकारी स्कूलों के भवनों की हालात सही नहीं है। जर्जर भवनों को जीर्णोद्धार की जरूरत है। – एक ही स्कूल में दो से तीन स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें शिक्षकों की कमी है। – सरकारी स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत अभी खास परिवर्तन देखने को नहीं मिले हैं। – महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अंग्रेजी विषय के शिक्षक नहीं हैं।
जिम्मेदारों ने ये कहा
शिक्षा मंत्री
मदन दिलावर ने कहा कि, शिक्षा में जो भी बदलाव कर रहे हैं अभिभावक और बच्चों की मांग के अनुसार हैं। स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से हिंदी में रूपांतरित करने के लिए प्रस्ताव अभिभावकों की ओर से ही भिजवाए जा रहे हैं। शिक्षा में गुणवत्ता पर भी ध्यान दे रहे हैं।
पूर्व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि, कांग्रेस सरकार ने आने के बाद भाजपा की योजनाओं को नहीं छेड़ा। शिक्षा में जो भी योजनाएं शुरू की, वो जनता की डिमांड के अनुसार की। भाजपा सरकार राजनीति कर योजनाएं बदल रही है। लोगों में विरोध है। राज्य की गुणात्मक शिक्षा पर ब्रेक लग गया है।
शिक्षा में राजनीति हावी हो रही है- राधेश्याम शर्मा
पूर्व शिक्षा उपनिदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि शिक्षा में राजनीति हावी हो रही है। सरकार अपनी-अपनी विचारधारा के हिसाब से बदलाव करती है। स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है। बच्चों के नामांकन पर बढ़ोतरी, शिक्षकों के गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण, पदों की संख्या बढ़ाने, स्किल कोर्स शुरू करने, नई शिक्षा नीति को लागू करने सहित कई कार्य हैं, जो होने चाहिए। जिन अधिकारियों ने कांग्रेस सरकार के साथ योजनाएं लागू की वहीं अधिकारी भाजपा सरकार के साथ उन योजनाओं को बदल रहे हैं।