विहिप ने कहा निष्पक्ष जांच हो
विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने निष्पक्ष जांच की वकालत की। उन्होंने आगे कहा विश्व हिंदू परिषद पुरजोर मांग करती है कि इस घटना की पूर्णतः निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। न केवल ऐसे घृणित कुकृत्यों पर रोक लगनी चाहिए, बल्कि जो व्यक्ति या अधिकारी ऐसा निर्णय लेने या करवाने के लिए जिम्मेदार है, उसके विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए तथा उसे दंडित किया जाना चाहिए।
हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए
बजरंग बागड़ा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद लंबे समय से मांग कर रही है कि हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। उन्हें समाज के नियंत्रण में होना चाहिए और समाज द्वारा उनका प्रबंधन किया जाना चाहिए। मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से राजनीति का प्रवेश होता है। वहां गैर-हिंदू अधिकारियों की नियुक्ति से प्रसाद में मिलावट होती है इसलिए हम एक बार फिर मांग करते हैं कि हिंदू पूजा स्थल, मंदिर और तीर्थ स्थान सभी सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए। मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया
बजरंग बागड़ा ने मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। कहा कि इसके अंतर्गत कई अन्य मुद्दे भी हैं जिनमें मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग और अतिक्रमण किया जाता है। इनका उपयोग गैर-हिंदू उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। तिरुपति मंदिर की घटना के बाद हमारी मांग और मजबूत हो गई है कि हिंदू मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म होना चाहिए।
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने तिरुपति प्रसादम (लड्डू) में पशु चर्बी के कथित उपयोग पर हैरानी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। वहीं, राज्य कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला ने नायडू के दावे की पुष्टि के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की।