असल में जर्मन तकनीक से बने हुए एलएचबी श्रेणी के डिब्बों में वजन कम होता है। इसके चलते इनकी दुर्घटना होने, पटरी से उतरने की संभावना कम रहती है। इसके अलावा सामान्य डिब्बों में 72 सीट रहती है जबकि एलएचबी श्रेणी के डिब्बों में 80 सीट शयनयान में रहती है। इसका मतलब साफ है कि 8 अधिक सीट का लाभ यात्रियों को रहेगा।
रेलवे बोर्ड के कोचिंग विभाग के निदेशक विवेक कुमार सिन्हा ने जो आदेश जारी किए है उसके अनुसार बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। जारी आदेश में पश्चिम रेलवे सहित देशभर में ऑपरेशन याने की परिचालन विभाग को इस बारे में बता दिया गया है। इसके अनुसार अब जब ट्रेन चलेगी तो बदलाव यात्रियों को नजर आएंगे।
जो बदलाव होंगे उसके अनुसार शयनयान के 7, थर्ड एसी के 6, सेकेंड एसी के 2, सामान्य श्रेणी के 4 डिब्बे के अलावा पॉवर, पेंट्री, गार्ड का डिब्बा, लगेज डिब्बा आदि तेल एक्सपे्रस, अन्त्योदय ट्रेन, सुपरफास्ट, जनसाधारण व दुरंतो में ट्रेन में रहेंगे। जबकि राजधानी स्तर की ट्रेन में अन्य प्रकार के बदलाव होंगे।
असल में रेलवे आने वाले दिनों में यात्रियों के हित को देखते हुए कई बदलाव कर रही है। उसी के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है। इसके अमल में आने के बाद यात्रियों को ट्रेन में अधिक सीट मिलने का लाभ तो होगा ही इसके अलावा सुरक्षित यात्रा होगी।
– दिलीप पाटनी, सदस्य मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति