रतलाम। Indian Railway News: भारतीय रेलवे में एक नई बड़ी सुविधा मिल गई हैं। मंडल के इंजीनियरिंग विभाग को रेलवे बोर्ड ने अलूमिनो थेरेमिक प्रोसेस याने की एटी वेल्डिंग की सुविधा दी है। इसमे पटरी में टूट होने या क्रेक होने के बाद कम से कम 10 मिनट व अधिकतम 55 मिनट में सुधार कार्य हो जाएगा। इसमे बड़ा लाभ ये है कि पटरी को बदलने की जरुरत नहीं पडेेग़ी व बगैर बदले ही पटरी पर वेल्डिंग का कार्य हो जाएगा। बोर्ड ने ये तकनीक रतलाम, मुरादाबाद के अलावा दो अन्य मंडल को दी है। 75 एमएम तक की पटरी के गेप को सुधारा जाएगा।
भारतीय रेलवे में आरडीएसओ वर्ष 2010 से इस तकनीक पर काम कर रहा था। जून में मंडल को मोबाइल वेल्डिंग मशीन की सुविधा मिली थी। अब नई तकनीकी की मंजूरी बुधवार को हो गई। इस तकनीक में रेलवे ट्रैक पर पटरियों के बीच जो ज्वॉइंट हैं, उन्हें अत्याधुनिक मशीन से वेल्डिंग कर जोड़ा जाएगा। इस मशीन से मैन्युअल की बजाय इस मशीन से फास्ट और फिनिशिंग वाली वेल्डिंग हो जाएगी। ये काम होने सेट्रेन का सफर ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। ज्वाइंट खत्म होने से ट्रेनें स्मूथ चलेगी। अभी जो धड़-धड़ की आवाज आती है, वह बंद हो जाएगी। ट्रेनों के मेंटनेंस में होने वाला खर्च भी कम होगा।
समय तय करके भेजा इस मामले में तकननीक भेजने के साथ ही ये भी तय करके भेजा है कि १ एमएम से लेकर २५ एमएम तक का जाइंट को जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं इसके लिए कम से कम 10 मिनट व अधिकतक 55 मिनट तय किए गए है। इस दौरान ट्रेन को कार्य होने के एक घंटे तक 30 किमी तक की गति से चलाने की अनुमति होगी। इसके बाद वो अपनी सामान्य गति से चल सकेगी। इसमे 25, 50, 75 एमएम तक के गेप को समाप्त किया जा सकेगा।
यात्री सुरक्षा बेहतर रेल मंडल में लगातार बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसलिए ही नई तकनीक को मंडल को दिया गया है। इसमे पटरी के गेप को जल्दी ही खत्म किया जा सकेगा। इससे यात्री सुरक्षा बेहतर होगी। – जेके जयंत, जनसपंर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
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