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रतलाम

किसानों ने खरीफ फसल पंजीयन में नहीं दिखाई रुचि

पिछले साल 76502 हुए थे पंजीयन, इस साल 3899 हुए मात्र, 5 प्रतिशत पर अटका आंकड़ा

रतलामNov 08, 2019 / 03:50 pm

Ashish Pathak

government will not give compensation to farmers on survey report of administration

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रतलाम. खरीफ फसल 2019 में पंजीयनों की संख्या 4 हजार भी नहीं पहुंच पाई, जबकि पिछले साल 2018 में 76502 किसानों ने पंजीयन करवाए थे। 5 प्रतिशत पर ही आंकड़ा अटकना किसानों की सरकारी योजना के प्रति अरुचि कहें या फिर भावांतर का पैसा नहीं, मंडी में उपज के भाव समर्थन से ऊपर होना या फिर पंजीयन कराने के बाद मुआवजा नहीं मिलने आदि की नजरों से देखा जा रहा है। इसी कारण इस साल पिछले साल की तुलना में मात्र 3899 किसानों ने ही पंजीयन करवाए है, जबकि इस साल दो बार शासन द्वारा पंजीयन के लिए तारिख बढ़ाई गई। पहले 23 अक्टूबर तक फिर 31 और इसके बाद 6 नवंबर तक पंजीयन के लिए किसानों को आमंत्रित किया गया, लेकिन किसानों ने रुचि नहीं दिखाई।

पिछले साल 76502 किसानों के पंजीयन में सोयाबीन के करीब 74415 पंजीयन हुए थे। इसके अलावा किसानों ने मक्का, मंूगफली, उड़द, तुअर, कपास, मंूग के पंजीयन भी करवाए थे। इस साल खरीफ सीजन में शासन की योजना अन्तर्गत पंजीयन के लिए जिले में 65 पंजीयन केंद्र खोले गए थे, इसमें सहकारी साख संस्थाओं के अलावा मंडी कार्यालय में भी पंजीयन किए गए। मंडी में पिछले साल जहां 703 पंजीयन हुए थे, वहीं इस साल मात्र 81 पंजीयन हुए है। पिछले साल मंडी में 621 पंजीयन हुए थे, जबकि इस साल 76 और मक्का के 119 की तुलना में मात्र 12 पंजीयन ही हो पाए है।
Farmers will get 3 thousand pension
IMAGE CREDIT: patrika
रतलाम मंडी पिछले साल के पंजीयन
सोयाबीन- 621
मक्का-119
मूंगफली- 02
उडद- 96
तुअर-59
कपास-12
मूंग- 08
तिल- 00
ग्र्रामतिल-00
योग-703

मंडी में खरीफ में बनाए गए पंजीयन
सोयाबीन-76
मक्का- 12
मूंगफली-00
उडद-11
तुअर.-01
कपास-02
मूंग- 00
तिल-00
ग्र्रामतिल-00
योग- 81
Outrage over the decision of the government, farmers will be forced to sell paddy at a quarter of the price ...
IMAGE CREDIT: Mukesh Sahu
सोयाबीन की फसलें खराब हुई
अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसलें खराब हुई है, इस कारण से किसानों ने खरीफ सीजन मेें पंजीयन को लेकर रुचि कम दिखाई है। पिछले साल 76 हजार से अधिक पंजीयन थे, इस साल 31 अक्टूबर तक 3899 पंजीयन हुए। फसल नुकसानी का असर है।
-जीएस मोहनिया, उपसंचालक कृषि, रतलाम

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