खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जुलाई से दिसंबर 2018 तक जिले में कुल 276 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे, जिन्हें जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था। इनमें से 93 नमूनों की जांच रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुई। भोपाल से आई जांच रिपोर्ट में 43 नमूने फेल हो गए, जबकि 50 नमूने मानक स्तर के पाए गए है। जांच रिपोर्ट में फेल पाए गए 40 नमूनों के प्रकरण भी एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए गए है। वर्तमान में राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल से 183 नमूनों की जांच रिपोर्ट आना अब भी शेष है।
खाद्य विभाग द्वारा की गई जांच के बाद जिन खाद्य सामग्रियों की जांच रिपोर्ट प्रशासन ने उजागर की है, उसमें दूध, पनीर, मिठाई, घी सहित विभिन्न प्रकार की खाद्य वस्तुएं शामिल है। प्रशासन की इस जांच रिपोर्ट में एक बात खुलकर सामने आई है कि अधिकांश लोग मिलावट कर व्यापार कर रहे है। एेसे में आमजन के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडऩा संभव है। विभाग की माने तो मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई के लिए वह हर स्तर पर तैयार है। इसके साथ ही उनके द्वारा मिलावट पर शिकंजा कसने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है।
276 नमूनों की जांच की गई थी, जिनमें से 93 की रिपोर्ट भोपाल स्थित प्रयोगशाला से आ चुकी है। उसमें से 43 नूमने फेल पाए गए है, 40 प्रकरण एसडीएम शहर के यहां लगा दिए गए है। 50 नूमने मानक स्तर के पाए गए है। अभी 183 नमूनों की जांच रिपोर्ट आना शेष है।
– आरआर सोलंकी, निरीक्षक जिला औषधि प्रशासन