इस योजना में एमपी में 6.5 किमी तो राजस्थान के हिस्से में 41.5 किमी की भूमि के अधिग्रहण में भी समय लगा। जब अधिग्रहण पूरा हो गया व मुआवजा वितरीत हो गया तो योजना की मंजूरी के लिए इसको रेलवे बोर्ड भेजा गया। रेलवे ने दो चरण में चल रही इस योजना में चित्तौडग़ढ़ से नीमच तक के हिस्से के निर्माण को वर्ष 2015-2016 में मंजूर दे दी थी। 390 करोड़ रुपए की इस योजना को 2020-2021 में पूरा करने के दावे किए गए है। इसमे भी शंभुपूरा से निंबाहेड़ा के 14.9 किमी के रास्ते को तो मार्च 2020 में ही पूरा कर लिया जाएगा।
रेलवे बोर्ड से मंजूरी के अभाव में योजना समय पर शुरू नहीं हो पा रही है। एक तरफ रेलवे चित्तौडग़ढ़ से बचे हुए नीमच तक विद्युतिकरण कार्य को तेजी से पूरा कर रहा है जिससे बिजली के इंजन से ट्रेन चलाई जा सके। दूसरी तरफ ङ्क्षसगल लाइन होने से यात्रियों को मजबूरी में एक ही ट्रैक से यात्रा करना होगी। इससे नहीं चाहते हुए भी यात्रा में विराम लगेगा।
वरिष्ठ कार्यालय से मंजूरी शीघ्र हो जाएगी। योजना को 2023 में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। तय समय पर योजना को पूरा किया जाएगा।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक, रतलाम