सनद रहे कि अभी तक जीएसटीआर-1 में लेट फीस का प्रावधान होने के बावजूद पोर्टल पर इसे नहीं जोड़ा गया था। इसके चलते डीलर जीएसटीआर 3बी का रिटर्न फाइल कर रहे थे, लेकिन बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-1 फाइल नहीं कर रहे थे। ऐसे व्यापारी जिनका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ से कम है उन्हें तिमाही एवं जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ से ज्यादा है उन्हें मासिक रिटर्न फाइल करना है।
कर सलाहकार परिषद पूर्व अध्यक्ष राकेश भटेवरा ने बताया जीएसटी कौंसिल ने जुलाई 2017 से नवंबर 2019 तक कि जीएसटीआर-1 बिक्री रिटर्न की लेट फीस माफ कर दी है। यानी कि अब दिसंबर 2019 का रिटर्न 10 जनवरी के बाद फ़ाइल किया जाता है तो लेट फीस देना होगी, लेकिन यदि जुलाई 2017 से नवंबर 2019 तक के जीएसटी आर-1 19 दिसंबर से 10 जनवरी 2020 तक फ़ाइल किए है तो लेट फीस नही लगेगी। इसके बाद रिटर्न दाखिल करने पर 100 रुपए प्रतिदिन के मान से लेट फीस का भुगतान करना पड़ेगा।
विक्रेता द्वारा जीएसटीआर-1 फाइल नहीं करने के कारण क्रेता व्यापारी को इनपुट क्रेडिट नहीं मिल पा रही है। इनपुट टैक्स क्रेडिट के नए नियमों के चलते उन्हें कर का भुगतान करना पड़ रहा है इससे व्यापारी की वर्किंग कैपिटल जाम हो रही है । इस कारण से जीएसटी कौंसिल ने जीएसटीआर-1 पर लेट फीस लगाने का निर्णय लिया है।
– मनोज जैन, अध्यक्ष, कर सलाहकार परिषद रतलाम