apara ekadashi 2019 importance in narendra modi oath taking ceremony
रतलाम। 30 मई 2019 को भारतीय ज्योतिष के अनुसार अपरा एकादशी है। इस दिन प्रधानमंत्री के रुप में अपनी दूसरी पारी की शुरुआत नरेंद्र मोदी करने जा रहे है। ज्योतिषियों के अनुसार अपनी दूसरी पारी की शुरुआत प्रबल रुप से पूण्य के लिए मानी जाने वाली अपरा एकादशी के दिन करने से मोदी सरकार भारत का डंका दुनिया में बजाने में कामयाब होगी।
यह भी पढे़ं – मोदी सरकार की शपथ के पहले सेना के लिए खुशखबरी, ले लिया बड़ा निर्णयपहले जाने क्या है अपरा एकादशी का महत्व रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल के अनुसार हर प्रकार की एकादशी का महत्व है, लेकिन निर्जला एकादशी व अपरा एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है। हिंदू ज्योतिष के साथ-साथ पंचाग में कुल 24 एकादशी आती है। हालाकि कभी अधिक मास होने या मलमास होने पर इनकी संख्या बढ़कर 26 भी हो जाती है। इस दिन व्रत, तप, जप, उपवास करने से हर जन्म में किए गए सभी पाप समाप्त होते है। भगवान विष्णु की शरण में वो आत्मा जाती है जो ये व्रत करती है। इसके अलावा इस व्रत को करने वाले को धन की समस्या का समाधान मिलता है।
खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनामअब समझे क्या है शपथ का एकादशी से महत्व ज्योतिषी एनके आनंद के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 30 मई 2019 की शाम को 7 बजे शपथ ले रहे है। गुरुवार के दिन शपथ का विशेष महत्व है। शाम को 7 बजे वृश्चिक लग्न रहेगा। लग्न में त्रिकोण याने की पंचम भाव व नवम भाव के स्वामी गुरु की उपस्थिति हर प्रकार के अरिष्ट का नाश करेगी। इतना ही नहीं, अब तक जो विरोध करते रहे है, वे भी शरण में आएंगे। पंचम भाव में चंद्रमा की उपस्थिति प्रकृति के संचालक महादेव या देवों के देव शिव व शक्ति से विशेष सहयोग भारत के लिए दिलवाएगी। सप्तम भाव में शुक्र की राशि वृषभ में सूर्य व बुध की उपस्थिति व इन दोनों का लग्न को देखना, भारत का चारों दिशा में अगले पांच साल में डंका बजवाएगा।
NaMo9 कॉन्टेस्टः आप भी बताएं कौन होना चाहिए मोदी कैबिनेट में शामिल, जीतें लाखों के ईनामये बन रहे विशेष योग आकाश में ज्योतिषी अभिषेक जोशी के अनुसार शपथ के समय आकाश में विशेष योग बन रहे है। गुरुवार, एकादशी, रेवती नक्षत्र, आयुष्यमान योग के साथ करण बालव का योग हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली को देखें तो चंद्र व मंगल की साथ में उपस्थिति, सूर्य, केतु व बुध का साथ तो है साथ ही चथुर्त भाव याने की केंद्र में गुरु की उपस्थिति ने ही उनको अनेक प्रकार के संकट के बाद भी जीत दिलाई है। शपथ की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल व राहु की उपस्थिति प्रधानमंत्री मोदी से कडे़ निर्णय लेने को मजबूर करेगी। इन निर्णय से में बड़ी बात ये है जो दुश्मन है उस पर इसका असर पडेग़ा। छठे भाव में मंगल की राशि व इसके स्वामी का अष्टम में होना ही ये बताने को काफी है अब भारत के प्रति जो बुरा सोचेगा, उसको संकट झेलने होंगे।